मुकेश सहनी का बड़ा दावा, कहा- सीएम नीतीश अब अस्वस्थ, उनकी विरासत को हम आगे बढ़ाएंगे
पटना। बिहार विधानसभा चुनाव के प्रचार अभियान में जहां हर दल अपनी ताकत झोंक रहा है, वहीं विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) के प्रमुख मुकेश सहनी ने एक बार फिर से अपनी राजनीतिक महत्वाकांक्षा और रणनीतिक सोच का परिचय दिया है। पटना में आयोजित एक जनसभा को संबोधित करते हुए उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को लेकर एक ऐसा बयान दिया, जिसने राजनीतिक हलकों में नई चर्चा छेड़ दी।
नीतीश कुमार के प्रति सम्मान, लेकिन नई भूमिका की घोषणा
अपने संबोधन में मुकेश सहनी ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार उनके अभिभावक जैसे हैं और वे हमेशा उनका सम्मान करते हैं। उन्होंने कहा, “नीतीश कुमार मेरे राजनीतिक मार्गदर्शक हैं। मैंने उनसे बहुत कुछ सीखा है, लेकिन अब वे अस्वस्थ चल रहे हैं। उनकी राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ाने की जिम्मेदारी अब मेरी है।” यह बयान जहां एक ओर नीतीश कुमार के प्रति सम्मान व्यक्त करता है, वहीं दूसरी ओर यह स्पष्ट संकेत भी देता है कि मुकेश सहनी खुद को बिहार की राजनीति में उनके उत्तराधिकारी के रूप में पेश कर रहे हैं। सहनी ने कहा कि नीतीश कुमार ने बिहार में विकास की जो नींव रखी, उसे अब महागठबंधन की नई पीढ़ी आगे ले जाएगी।
“महागठबंधन विकास और सम्मान की राजनीति कर रहा”
मुकेश सहनी ने अपने भाषण में महागठबंधन की नीतियों और दृष्टिकोण की भी चर्चा की। उन्होंने कहा कि बिहार की जनता इस बार जातीय या धार्मिक आधार पर नहीं, बल्कि विकास और सम्मान की राजनीति पर वोट करेगी। उन्होंने कहा, “हम ऐसी राजनीति नहीं करते जो समाज को बांटती है। हमारी राजनीति समाज के हर वर्ग को जोड़ने की है। महागठबंधन का उद्देश्य है कि बिहार के हर वर्ग को शिक्षा, रोजगार और सम्मान का समान अवसर मिले।” सहनी ने दावा किया कि उनकी पार्टी राज्य के उन समुदायों की आवाज़ बन चुकी है जिन्हें अब तक मुख्यधारा की राजनीति से दूर रखा गया।
मल्लाह और मछुआरा समाज को दिया संदेश
मुकेश सहनी ने अपने संबोधन में मल्लाह और मछुआरा समुदाय को विशेष रूप से संबोधित करते हुए कहा कि अब समय आ गया है कि इन समुदायों के बेटे भी सत्ता के शीर्ष पदों तक पहुंचे। उन्होंने कहा, “अब बिहार में मल्लाह और मछुआरे का बेटा उपमुख्यमंत्री बनकर रहेगा। हमने हमेशा कहा है कि जो मेहनत करता है, जो समाज की जड़ों में काम करता है, उसे भी राजनीति में पहचान मिलनी चाहिए।” उन्होंने इस समुदाय के आर्थिक सशक्तिकरण और शिक्षा के लिए विशेष योजनाएं लाने का वादा किया। उनका कहना था कि बिहार की नदियों, तालाबों और मत्स्य पालन से जुड़े लोगों की स्थिति सुधारने के बिना राज्य का संपूर्ण विकास संभव नहीं है।
पीएम मोदी पर निशाना, गुजरात मॉडल पर सवाल
मुकेश सहनी ने अपने भाषण के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भी सीधा हमला बोला। उन्होंने कहा कि “प्रधानमंत्री मोदी ने गुजरात में 28 साल तक मुख्यमंत्री रहते हुए भी युवाओं को नौकरी नहीं दी। उन्होंने जिस विकास मॉडल की बात की, उसमें गरीब और पिछड़े वर्गों की कोई जगह नहीं है।” उन्होंने कहा कि बिहार में भी अब भाजपा उसी तरह की राजनीति कर रही है जिसमें केवल अमीरों और उद्योगपतियों के लिए नीतियां बनाई जाती हैं, जबकि गरीब तबका उपेक्षित रह जाता है।
“बिहार पहला राज्य, जहां सीएम और डिप्टी सीएम का नाम पहले घोषित”
वीआईपी प्रमुख ने कहा कि बिहार की राजनीति इस बार एक ऐतिहासिक मोड़ पर पहुंची है। “यह देश का पहला राज्य है जहां चुनाव से पहले मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री के नाम घोषित किए गए हैं। इससे यह साफ है कि महागठबंधन की राजनीति पारदर्शी और स्पष्ट है। जनता के सामने पहले ही यह बता दिया गया है कि अगर हम जीतते हैं तो कौन नेतृत्व करेगा।” उन्होंने कहा कि यह राजनीति की नई दिशा है, जिसमें जनता को पहले से यह अधिकार दिया जा रहा है कि वे अपने भावी नेतृत्व को पहचान सकें।
नीतीश कुमार की राजनीति की विरासत को आगे बढ़ाने का वादा
मुकेश सहनी ने कहा कि नीतीश कुमार ने बिहार में विकास और सुशासन की जो परंपरा शुरू की, वह उनके लिए प्रेरणा का स्रोत है। उन्होंने कहा, “नीतीश जी ने जिस तरह से बिहार में शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क और महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में काम किया, मैं उसी दिशा को और आगे ले जाना चाहता हूं। उनका विजन ही मेरी राजनीति की नींव है।” सहनी ने कहा कि अब समय है कि युवा नेतृत्व उस सोच को नई दिशा दे और बिहार को रोजगार, उद्यमिता और समानता के नए युग में ले जाए।
नई राजनीतिक महत्वाकांक्षा का संकेत
मुकेश सहनी का यह बयान केवल चुनावी भाषण नहीं, बल्कि एक रणनीतिक राजनीतिक संदेश भी माना जा रहा है। विश्लेषकों का मानना है कि वे नीतीश कुमार के बाद खुद को एक संभावित मुख्यमंत्री पद के दावेदार के रूप में प्रस्तुत कर रहे हैं। उनकी पार्टी वीआईपी पहले से ही महागठबंधन का हिस्सा है, और अब वे खुद को उस गठबंधन के भीतर एक मज़बूत सामाजिक आधार वाले नेता के रूप में स्थापित करना चाहते हैं। मुकेश सहनी का यह बयान बिहार की राजनीति में एक नई हलचल पैदा कर गया है। एक तरफ उन्होंने नीतीश कुमार के प्रति सम्मान जताया, तो दूसरी ओर यह भी संकेत दे दिया कि अब नेतृत्व की नई पारी शुरू होने वाली है। उनका कहना कि “नीतीश कुमार अस्वस्थ हैं, अब उनकी विरासत मैं आगे बढ़ाऊंगा” — केवल एक वाक्य नहीं, बल्कि बिहार की सत्ता समीकरण में संभावित बदलाव का इशारा है। राजनीतिक पर्यवेक्षकों के मुताबिक, मुकेश सहनी का यह दावा आने वाले दिनों में महागठबंधन की रणनीति और सत्ता समीकरण को नई दिशा दे सकता है। फिलहाल, यह तय है कि सहनी अब केवल एक सहयोगी दल के नेता नहीं, बल्कि बिहार के भावी नेतृत्व के दावेदार के रूप में खुद को स्थापित करने की कोशिश में हैं।


