December 8, 2025

अफगानिस्तान में भयानक भूकंप से मची तबाही, 10 की मौत, 150 से अधिक लोग घायल

नई दिल्ली। अफगानिस्तान एक बार फिर भीषण प्राकृतिक आपदा की चपेट में आ गया है। शनिवार को देश के उत्तरी हिस्से में भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए, जिससे कई इमारतें धराशायी हो गईं। शुरुआती रिपोर्टों के अनुसार, इस भूकंप में अब तक 10 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 150 से अधिक लोग घायल बताए जा रहे हैं। भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 6.3 मापी गई है। भूकंप का केंद्र अफगानिस्तान के प्रमुख शहर मजार-ए-शरीफ के पास बताया जा रहा है, जो देश के उत्तरी बल्ख प्रांत में स्थित है। अमेरिकी भूगर्भ सर्वेक्षण के अनुसार, इसका केंद्र जमीन से लगभग 28 किलोमीटर की गहराई पर था। इस क्षेत्र में करीब 5 लाख 23 हजार से अधिक लोग निवास करते हैं, जिनमें से बड़ी संख्या इस आपदा से प्रभावित हुई है। झटके इतने तेज थे कि कई घरों और इमारतों की दीवारें ढह गईं, जबकि सड़कों पर मलबा बिखर गया।
मजार-ए-शरीफ की ऐतिहासिक मस्जिद को भारी नुकसान
भूकंप का सबसे गंभीर असर मजार-ए-शरीफ की प्रसिद्ध नीली मस्जिद पर पड़ा है, जो अफगानिस्तान के प्रमुख धार्मिक स्थलों में से एक मानी जाती है। इस ऐतिहासिक मस्जिद के कई गुंबद और दीवारें क्षतिग्रस्त हो गईं। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, मस्जिद में प्रार्थना के समय कई लोग मौजूद थे, जिससे अफरा-तफरी मच गई। राहत दलों ने मौके पर पहुंचकर मलबे में दबे लोगों को निकालने का कार्य शुरू कर दिया है।
150 से अधिक घायल, अस्पतालों में बढ़ा दबाव
मजार-ए-शरीफ के स्वास्थ्य विभाग के प्रवक्ता समीम जॉयंदा ने बताया कि अब तक 150 से अधिक घायल अस्पतालों में भर्ती कराए जा चुके हैं। इनमें से कई की हालत गंभीर है। उन्होंने बताया कि शहर के मुख्य अस्पतालों में डॉक्टर और पैरामेडिकल स्टाफ को आपातकालीन सेवाओं के लिए तैनात किया गया है। घायलों का इलाज जारी है और जरूरतमंदों के लिए रक्तदान अभियान भी शुरू किया गया है।
सरकारी एजेंसियां राहत कार्य में जुटीं
अफगानिस्तान की राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन एजेंसी ने बताया कि प्रभावित इलाकों में राहत और बचाव कार्य तेजी से चल रहा है। मलबे में अब भी लोगों के दबे होने की आशंका जताई जा रही है। एजेंसी के प्रवक्ता ने कहा कि तबाही की सटीक जानकारी अभी जुटाई जा रही है, क्योंकि कई इलाके दूरदराज और दुर्गम हैं। स्थानीय प्रशासन ने सेना और पुलिस बल को राहत कार्यों में लगाया है।
पहले भी झेल चुका है अफगानिस्तान भूकंप की मार
यह पहली बार नहीं है जब अफगानिस्तान भूकंप की विनाशलीला का शिकार हुआ है। इस साल अगस्त महीने में भी देश के पश्चिमी हिस्से में आए भूकंप में हजारों लोगों की मौत हुई थी। उससे पहले, अक्टूबर 2023 में हेरात प्रांत में आए भूकंप ने 2,000 से अधिक लोगों की जान ले ली थी और हजारों मकान मलबे में तब्दील हो गए थे। बार-बार आने वाले इन भूकंपों से देश के बुनियादी ढांचे को भारी नुकसान पहुंचा है।
अंतरराष्ट्रीय समुदाय से मदद की अपील
तालिबान प्रशासन ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से राहत और बचाव कार्यों के लिए सहायता की अपील की है। संयुक्त राष्ट्र और रेड क्रॉस ने घटनास्थल से जानकारी जुटानी शुरू कर दी है। संयुक्त राष्ट्र मानवीय सहायता विभाग ने कहा है कि राहत सामग्रियों की आपूर्ति और अस्थायी शिविरों की स्थापना पर काम शुरू कर दिया गया है।
जनजीवन अस्त-व्यस्त, लोगों में दहशत
भूकंप के झटकों के बाद मजार-ए-शरीफ और आसपास के क्षेत्रों में दहशत का माहौल है। लोग रातभर खुले आसमान के नीचे रहने को मजबूर हैं। बिजली और संचार सेवाएं कई इलाकों में ठप हो गई हैं। स्थानीय निवासियों ने बताया कि झटके इतने तेज थे कि लोग घरों से बाहर भागने लगे और सड़कों पर भगदड़ मच गई। अफगानिस्तान पहले से ही राजनीतिक अस्थिरता और आर्थिक संकट से जूझ रहा है। ऐसे में भूकंप की यह नई त्रासदी देश के लिए एक और बड़ी चुनौती बनकर सामने आई है। राहत और बचाव कार्य जारी हैं, लेकिन खराब मौसम और संसाधनों की कमी के कारण कार्यों में कठिनाइयां आ रही हैं। फिलहाल सरकार ने आपात स्थिति घोषित नहीं की है, लेकिन प्रशासन ने प्रभावित इलाकों में हाई अलर्ट जारी कर दिया है।

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