नेपाल मे इंडो इंटरनेशनल चैंपियनशिप मे फुलवारी क़ी मानवी को मिला गोल्ड
फुलवारीशरीफ। कहते हैं चाह और संकल्प यदि किसी के पास है तो उसे मुकाम मिल ही जाता है। इस मुकाम को पाने में जाति धर्म और स्थान भी बाधा नहीं बनता। कुछ इसी तरह का काम किया है महादलित परिवार से आने वाली मानवी राज ने, मानवी फुलवारीशरीफ के नया टोला की रहने वाली है। माता कुमारी सीमा चौधरी और पिता मधुकर चौधरी के सपनों को मानवी जमीन पर उतरने में सफल रही हैं। मानवी नेपाल के पोखरा शहर में आयोजित इंडो इंटरनेशनल चैम्पियनशिप में भारत को गोल्ड मेडल दिलवाकर अपना मोहल्ला नया टोला फुलवारीशरीफ का ही नहीं ब्लकि भारत वर्ष का नाम रौशन किया है। मानवी पटना के संत जोसेफ कान्वेंट हाई स्कूल बांकी पुर की छात्रा है। इस बहु प्रतिष्ठित प्रतियोगिता में कुल पांच देशों क्रमशः भारत नेपाल भूटान श्रीलंका और बांग्लादेश की टीम ने हिस्सा लिया जिसमें भारत से सोनू का दल सभी को पछाड़ते हुए भारत को गोल्ड मेडल ही नहीं दिलवाया बल्कि दर्शकों से खूब तालियां भी बटोरी। मानवी की माता सीमा ने बताया कि यदि किसी में लगन हो तो पैसा उसमें बाधा नहीं बनता। सीमा आगे कहती हैं कि मानवी के लगन और परिश्रम को देख कर इनके पिता मधुकर ने भी ठान लिया है कि आठ घंटे की जगह वह बारह घंटे काम करेगे और मानवी को विश्व के मंच पर स्थापित करेगा। मानवी ने अपनी इस उपलब्धि के लिए गुरुजनों किंग ऑफ़ डांस के डायरेक्टर विशाल राय के अलावा माता पिता का आशीर्वाद माना। उन्होंने कहा कि आगे भी भारत का नाम रौशन करने में कोई कसर बाकी नहीं रखा जाएगा


