बिहार के युवक ने दी सीएमओ कार्यालय को बम से उड़ने की धमकी, गिरफ्तारी के लिए छापेमारी जारी
पटना। राजधानी पटना में सीएमओ कार्यालय को बम से उड़ाने की धमकी मामले का पटना पुलिस ने बड़ा खुलासा किया है। पुलिस ने इस मामले का उद्भेदन कर लिया है। जांच में पता चला है कि बिहार के ही एक युवक ने सीएमओ कार्यालय को बम से उड़ाने की धमकी दी थी। फिलहाल वो शख्स बिहार से बाहर है जिसकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस छापेमारी कर रही है। बताया जा रहा है कि, युवक ने अपने ही किसी रिश्तेदार को फंसाने के लिए इस घटना को अंजाम दिया था। लेकिन पुलिस की जांच में युवक का भंडा फूट गया। पुलिस का कहना है कि उसके खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी। बता दें कि, उसकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस की कार्रवाई तेज हो गई है। पुलिस टीम संभावित ठिकानों पर छापेमारी कर रही है। डीआईजी सह पटना एसएसपी राजीव मिश्रा ने बताया कि जल्द आरोपित को गिरफ्तार कर लिया जाएगा। दरअसल, बीती 16 जुलाई की शाम मुख्यमंत्री सचिवालय के कार्यालय में एक जीमेल अकाउंट से धमकी भरा मेल आया था। मेल में मुख्यमंत्री सचिवालय को बम से उड़ाने की बात लिखी हुई थी। मेल में अलकायदा ग्रुप लिखा था। पुलिस ने कहा कि धमकी देने वाला कोई बड़े आतंकी संगठन का नहीं है बल्कि बिहार निवासी एक शख्स है। इसने खास मकसद से यह मेल भेजा था। उसने परिचितों को फंसाने की नीयत से इस कांड को अंजाम दिया था। लेकिन,अब खुद फंस गया है। आतंकी संगठन का नाम आते ही पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया था। पटना पुलिस और एटीएस सहित आईबी मामले की छानबीन में जुट गई थी। इस मामले में 17 दिनों बाद शुक्रवार की शाम सचिवालय थाने में मुकदमा दर्ज किया गया। आर्थिक अपराध इकाई की मदद से मामले की तकनीकी जांच कराई गई। इसमें पता चला कि मेल किसी आतंकी संगठन ने नहीं बल्कि बिहार निवासी एक व्यक्ति ने भेजा है। उसने फंसाने के लिए मेल में अपने परिचित का मोबाइल नंबर भी डाल दिया था। पुलिस ने धमकी देने वाले शख्स की पहचान कर ली है। आरोपित फिलहाल बिहार से बाहर है। उसकी तलाश की जा रही है। पुलिस का कहना है कि उसके खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी। जेडीयू के राष्टीय अध्यक्ष नीतीश कुमार बिहार के मुख्यमंत्री हैं। उसकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस की कार्रवाई तेज हो गई है। पुलिस टीम संभावित ठिकानों पर छापेमारी कर रही है। डीआईजी सह पटना एसएसपी राजीव मिश्रा ने बताया कि जल्द आरोपित को गिरफ्तार कर लिया जाएगा। इस मामले में 17 दिनों बाद शुक्रवार की शाम सचिवालय थाने में मुकदमा दर्ज किया गया। आर्थिक अपराध इकाई की मदद से मामले की तकनीकी जांच कराई गई। इसमें पता चला कि मेल किसी आतंकी संगठन ने नहीं बल्कि बिहार निवासी एक व्यक्ति ने भेजा है। उसने फंसाने के लिए मेल में अपने परिचित का मोबाइल नंबर भी डाल दिया था। ताकि पुलिस उसे गिरफ्तार कर ले। उसकी गिरफ्तारी के बाद पूरे मामले का पर्दाफाश हो सकेगा।


