लोस स्पीकर के लिए इंडिया ने उम्मीदवार उतारा, नहीं बनी आम सहमति, आजादी के बाद पहली बार चुनाव

नई दिल्ली। लोकसभा स्पीकर के पद पर सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच सहमति नहीं बन पाई है। एनडीए की ओर से ओम बिरला ने नामांकन दाखिल कर दिया है। वहीं विपक्ष की ओर से के. सुरेश को कैंडिडेट बनाया गया है। उन्होंने भी नामांकन दाखिल कर दिया है। आंकड़ों को देखते हुए साफ है कि स्पीकर पद पर चुनाव की स्थिति में एनडीए का दावा मजबूत है, लेकिन INDIA अलायंस को लगता है कि उसके पास अपनी ताकत दिखाने का मौका है। इसलिए उसने डिप्टी स्पीकर का पद देने की शर्त न पूरी होने पर कैंडिडेट ही उतार दिया है। इसके साथ ही भारतीय लोकतंत्र के 72 सालों के इतिहास में ऐसा पहली बार होगा, जब स्पीकर के पद पर चुनाव होगा। इस स्थिति के लिए राहुल गांधी ने सरकार पर ही ठीकरा फोड़ा है। उन्होंने कहा कि विपक्ष ने स्पीकर पद के लिए सरकार का समर्थन करने का फैसला लिया था। हमारा कहना था कि आप डिप्टी स्पीकर का पद विपक्ष को दे दें। ऐसी परंपरा भी रही है। वहीं विपक्ष की ओर से उम्मीदवार उतारने पर पीयूष गोयल ने कहा कि हम शर्तों के आधार पर समर्थन की बात को खारिज करते हैं। उन्होंने कहा कि विपक्ष की ओर से शर्त के आधार पर समर्थन की बात कही जा रही थी। ऐसा लोकसभा की परंपरा में कभी नहीं हुआ था। लोकसभा स्पीकर या फिर डिप्टी स्पीकर किसी दल का नहीं होता है बल्कि पूरे सदन का होता है। राहुल गांधी ने कहा- कांग्रेस अध्यक्ष के पास स्पीकर के समर्थन के लिए राजनाथ सिंह का फोन आया था। विपक्ष ने साफ कहा है कि हम स्पीकर को समर्थन देंगे लेकिन विपक्ष को डिप्टी स्पीकर मिलना चाहिए। राजनाथ सिंह ने दोबारा फोन करने की बात कही थी, हालांकि अब तक कॉल नहीं आया। वही राजस्थान के कोटा से सांसद ओम बिरला 2019 से 2024 तक स्पीकर रह चुके हैं। वे भाजपा के पहले ऐसे सांसद होंगे, जो लगातार दूसरी बार लोकसभा स्पीकर का पद संभालेंगे। अगर वे अपना कार्यकाल पूरा कर लेते हैं तो कांग्रेस के बलराम जाखड़ के रिकॉर्ड की बराबरी कर लेंगे।

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