महागठबंधन को लगा बड़ा झटका, कांग्रेस के दो और आरजेडी के एक विधायक ने थामा बीजेपी का दामन

पटना। बिहार में लोकसभा चुनाव से पहले महागठबंधन को बड़ा झटका लगा है। मंगलवार को कांग्रेस के दो और आरजेडी के एक विधायक बीजेपी में शामिल हो गए हैं। कांग्रेस के पूर्व मंत्री और विधायक मुरारी गौतम, विक्रम विधानसभा सीट से कांग्रेस विधायक सिद्धार्थ और मोहनिया से आरजेडी विधायक संगीता कुमारी बीजेपी में शामिल हो गई हैं। संगीता कुमारी पहली बार राजद के टिकट पर राजनीति में आई और चुनाव जीत गई। संगीता करीब 8 साल पहले राजनीति में आई थीं। इस बीच वे राजद महिला प्रकोष्ठ की जिलाध्यक्ष भी रहीं। जिला परिषद सदस्य का चुनाव लड़ी थीं। बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष व डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी तीनों विधायकों को साथ लेकर विधानसभा पहुंचे थे। बता दें कि इससे पहले फ्लोर टेस्ट के दौरान राजद के तीन विधायक चेतन आनंद, नीलम देवी और प्रह्वाद यादव पाला बदल जेडीयू खेमे में चले गये थे। बता दें कि इन दिनों महागठबंधन के सबसे बड़े नेता और बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष की भूमिका निभाने वाले तेजस्वी यादव अपनी राजनीतिक यात्रा से लोगों के बीच अपनी एक अलग पहचान बना रहे हैं वही महागठबंधन राजधानी पटना के ऐतिहासिक गांधी मैदान में 3 मार्च को एक महा रैली करने जा रही है लेकिन उसके पहले महागठबंधन के तीन विधायकों का अपनी अपनी पार्टी छोड़कर एनडीए की तरफ चले जाना महागठबंधन को एक बड़ा झटका बनकर उभरा है। बता दे की मुरारी प्रसाद गौतम चेनारी से दूसरी बार विधायक बने हैं। कांग्रेस के टिकट पर चुनाव जीते थे। कांग्रेस की बड़ी नेत्री मीरा कुमार गुट के माने जाते हैं। इसी वजह से नीतीश-तेजस्वी सरकार में मंत्री भी बने। वही सिद्धार्थ- विक्रम से विधायक हैं। दो बार कांग्रेस से विधायक रहे हैं। विधायक दल के नेता की रेस में इनका नाम था, लेकिन तब अजीत शर्मा को यह पद मिल गया था। दोनों भूमिहार जाति से आते हैं। ये सिद्धार्थ वही हैं जो विश्वास मत के दौरान उनके बीजेपी के साथ जाने की अटकलें लगने लगीं थीं क्योंकि ये अन्य कांग्रेस विधायकों के साथ हैदराबाद नहीं गए थे। इसके साथ ही बिहार की राजनीति में एक बार फिर से भूचाल आ गया है। वही इस मामले पर राष्ट्रीय जनता दल के विधायक रामानुज प्रसाद ने कहा कि, ‘जांच एजेंसियों के बल पर हमारे विधायकों को बीजेपी तोड़ रही है।’ वहीं भाजपा विधायक नितिन नवीन का कहना है कि ‘अभी तो ट्रेलर है पूरा पिक्चर अभी बाकी है’। बता दे की दो मार्च को प्रधानमंत्र नरेंद्र मोदी की बिहार में रैली है। रैली के पहले ही बिहार में सरकार बदल गई और अब पूरा समीकरण ही चेंज हो गया। ऐसे में ये देखना दिलचस्प होगा कि इसपर विपक्ष की क्या प्रतिक्रिया आती है। फिलहाल पाला बदलने वाले तीनों नेताओं की प्रतिक्रिया का इंतजार है। गौरतलब है कि कांग्रेस के कुल 19 विधायक 2020 में जीते थे जिसमें अब 17 विधायक बचे हैं।

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