खगौल नगर परिषद की ओर से तालाब को भरकर वेंडर जोन बनाने के निर्णय पर उठा विवाद

पटना, (अजीत)। बिहार सरकार एक तरफ पर्यावरण संरक्षण हरियाली को बढ़ावा देने के इरादे से राज्य भर में पोखर तालाबों जलाशयों का जीर्णोधार करने का व्यापक रूप से जल जीवन हरियाली अभियान चला रही है ,वहीं राजधानी पटना के खगौल शहर के बीचो-बीच पुराने बड़े से तालाब को जीर्णोधार करने के बजाय तालाब को भरकर वेंडर जोन बनाने का निर्णय खगौल नगर परिषद ने लिया है। खगौल नगर परिषद के इस अमानवीय और गैर जिम्मेदाराना निर्णय से खगौल के पर्यावरण संरक्षण और हरियाली को बढ़ावा देने वाल बुद्धिजीवी वर्ग अचंभित है। स्थानीय लोगों ने बिहार सरकार से मांग किया है कि खगौल नगर परिषद के द्वारा तालाब को भरकर वेंडर जोन बनाने के निर्णय को तत्काल रद्द कराए और उस तालाब का जीर्णोधार करवाने का काम किया जाए। स्थानीय लोगों का कहना है कि तालाब के जीर्णोधार से शहर के लोगों को वहां घूमने फिरने और पर्यावरण हरियाली को बढ़ावा देने का अवसर मिलेगा। नगर परिषद ,खगौल के अध्यक्ष और कुछ पार्षदों ने तालाब को भर कर वेंडर जोन बनाने का निर्णय लिया है। अध्यक्ष का कहना है इसको भेंडर जोन बनाने से गरीबों को रोजगार मिलेगा। सड़क से जाम हटेगा। आमलोगों का मानना है कि हमारे लिए सब से पहले जीवन और पर्यावरण सुरक्षित रखने के लिए स्वस्थ रहना जरूरी है,या फिर वेंडर जोन। खगौल नगर परिषद द्वारा खगौल शहर के बीचो-बीच पुराने तालाब को भरकर वेंडर जोन बनाने के निर्णय का विरोध एवं सोशल मीडिया पर तेजी से लोगों की राय मांगी जा रही है।आम जनता खगौल नगर परिषद के निर्णय से असहमत हैं सवाल उठाया जा रहा है की खगौल नगर परिषद पर्यावरण संरक्षण और यहां के निवासियों के स्वास्थ्य प्रति गंभीर क्यों नहीं ? क्यों लाइफ लाइन ऐतिहासिक तालाब को जीर्णोधार करने के बजाय,इसे भर कर बनाना चाहते हैं वेंडर जोन? जानकारी के मुताबिक नगर परिषद द्वारा लिए गए इस निर्णय का चंद गिने चुने वार्ड पार्षदों ने विरोध भी किया है।अभी कुछ माह पहले अतीत में झांके तो कोरोना ने कितनी जाने ऑक्सीजन नही उपलब्ध होने के चलते लील लिया।कोरोना ने सीखा दिया की हमारे लिए ,ऑक्सीजन,पर्यावरण और स्वस्थ्य रहना कितना जरूरी है।लोग सवाल कर रहे हैं की क्या नगर परिषद को इस पर फिर से विचार करना चाहिए या नहीं? किसी भी जीव जंतु,इंसान के लिए स्वस्थ जीवन के लिए पर्यावरण को संरक्षित बनाए रखना कितना जरूरी है।जल हरियाली,ऑक्सीजन के अभाव में कुछ वर्ष पहले कोरोना के समय प्रायः हम सबों ने दंश झेला है,अपनों को खोया है।आश्चर्य की बात है कि पिछले मासिक बैठक में खगौल नगर परिषद के अध्यक्ष से लेकर , वार्ड पार्षदों ने भी तालाब का जीर्णोधार कराने के बजाय जीवनदायिनी तालाब को भर कर वेंडर जोन बनाने का निर्णय लिया है।इसके वाबजूद कुछ वार्ड पार्षदों ने हंगामा करते हुए विरोध किया था। लोग चाहते थे कि इस प्रस्ताव को लेकर,गुप्त मतदान हो,चुकी कई लोग डर से विरोध भी खुल कर नहीं कर पाते हैं। खगौल थाना के सामने उतर दिशा में काफी बड़ा एक सरकारी तालाब वर्षों जर्जर की स्थिति में है। स्थानीय समाज के कुछ बुद्धिजीवियों ने, नगर परिषद के विशेष कार्य पालक अधिकारी से मिलकर तालाब का जीर्णोधार कराने का प्रस्ताव दिया था कि सरकार ने पर्यावरण की गंभीरता और लोगों के स्वास्थ्य को ध्यान में रख कर जगह जगह तालाब और पार्क बनाने का निर्णय लिया है। खगौल का यह तालाब पहले से काफी डिप है। अभी भी इसके चारों ओर सीढ़ी बना हुआ है ,हो अच्छी स्थिति में है। इसमें पहले मछली पालन भी होता था। इसके देख रेख के लिए तालाब के साथ एक पक्का मकान बना हुआ है,जिसमें संबंधित विभाग के लोग रहते थे। इसको जीर्णोधार कराने में खर्च भी कम होगा। मात्र इसकी सफाई कर, इस में पानी उपलब्ध कराने के लिए बोरिंग,तालाब के चारों ओर घूमने और बैठने के फुटपाथ,बेंच बनाने के साथ पेड़ लगाने ,नौका विहार आदि के लिए प्रस्ताव, कार्यपालक पदाधिकारी के सामने रखा गया था।यही पास में सरकारी बोरिंग भी किया हुआ है। चुकी शहर के बीच जीवन दायनी और थाना के सामने होने के कारण सुरक्षित भी है, जहां लोग आकर सुबह शाम घूम सकते हैं, खास कर महिलाओं और सीनियर सिटीजन के लिए सब से अधिक उपयुक्त तालाब है।पूर्व के कार्यपालक पदाधिकारी ने भी माना था की यह तो कम खर्च में स्थानीय लोगों के लिए जीवन दायनि साबित होगा। इस के लिए नगर परिषद अति शीघ्र कार्रवाई करेगी लेकिन उस कार्यपालक पदाधिकारी का ट्रांसफर हो गया है और मामला पेंडिंग पर चला गया था।मालूम हो की फुलवारी शरीफ स्थित प्रखंड मुख्यालय परिसर का तालाब का जीर्णोधार करा कर,फुटपाथ,बेंच,पेड़ आदि लागने का कार्य किया गया है। स्थानीय लोगों ने चिंता व्यक्त करते हुए बताया की आज खगौल में न तो कहीं पार्क,खेलने के लिए मैदान, पार्किंग,वेंडर जोन, न ही प्रेक्षागृह ही उपलब्ध है। हालांकि साल इन जरूरतों नागरिक सुविधाओं के लिए बजट में प्रावधान रखा जाता है लेकिन गंभीरता से इस को लेकर पहल नहीं किया जा रहा है। रेलवे रोड ओवर ब्रिज पर वर्षों से लाइट नहीं है। लेकिन आम आदमी के सुविधाओं और परेशानियों को लेकर चिंता तक नहीं है। नगर परिषद कि जिम्मेदारी है की नगर क्षेत्र एरिया में जो भी समस्या है,अगर के क्षेत्र में नहीं भी हो तो संबंधित विभाग से मिल कर पत्राचार कर समाधान करना चाहिए। यह कह देना की मेरा काम नहीं है,फिर अध्यक्ष और पार्षद किस काम के लिए हैं।इस के लिए समाज के प्रबुद्ध लोगों ने निर्णय लिया है कि सरकारी योजनाओं के प्रति जागरूक नहीं होने , पर्यावण को सुरक्षित नहीं रखने ,लोगों के स्वाथ्य प्रति गंभीर नहीं होने बाली मानसिकता के खिलाफ अभियान चला कर माननीय राज्यपाल ,मुख्यमंत्री ,मंत्री,जिलाधिकारी ,अनुमंडलाधिकारी संबंधित विभाग को आवेदन भेजा जाएगा।
