राज्य के नियोजित शिक्षकों के लिए जनवरी में तैयार होगा सक्षमता परीक्षा का प्रारूप, पास करने पर बनेंगे राज्यकर्मी

पटना। साल 2023 के खत्म होते-होते बिहार सरकार ने नियोजित शिक्षकों को एक बड़ा तोहफा दे दिया। अब बिहार के नियोजित शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा मिलेगा। इस दर्जे के मिलते ही नियोजित शिक्षकों को पंसद का ट्रांसफर, प्रोमोशन, वेतन बढ़ोतरी, डीए समेत कई सुविधाओं का लाभ मिल सकेगा। नए नियमावली के अनुसार साथ ही विशिष्ट शिक्षक पद के नाम में बदलाव किया गया है। अब नियोजित शिक्षक सहायक अध्यापक कहे जाएंगे। नियोजित शिक्षक सक्षमता परीक्षा पास करने के बाद ही राज्यकर्मी का दर्जा पाते हुए जिला संवर्ग के शिक्षक बन सकते हैं। शिक्षा विभाग ने समक्षमता परीक्षा लेने की तैयारी शुरू कर दी है। सक्षमता परीक्षा बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के माध्यम से ली जाएगी या फिर एससीईआरटी के माध्यम से, जनवरी शुरू में यह तय हो जाएगा। राज्यकर्मी का दर्जा हासिल करने के लिए नियोजित शिक्षकों को एक सक्षमता परीक्षा देनी होगी। इसमें पास करने पर ही उनका काम बनेगा और विभिन्न लाभों को प्राप्त कर सकेंगे। यह परीक्षा बिहार विद्यालय परीक्षा समिति लेगी। बताया यह भी गया है कि बीपीएससी से पास वैसे शिक्षकों को परीक्षा में शामिल होने से मुक्ति मिलेगी, जो कि मेरिट के साथ क्वालीफाई मार्क्स पूरा कर रहे हैं। राज्यकर्मी का दर्जा देने की घोषणा का लाभ सूबे के 3.75 लाख नियोजित शिक्षकों को मिलेगा। शिक्षा विभाग बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के माध्यम से परीक्षा लेने की तैयारी कर रहा है। बिहार विद्यालय परीक्षा समिति को फरवरी और मार्च में कई महत्वपूर्ण परीक्षा आयोजित करनी है। इसमें इंटरमीडिएट, मैट्रिक की परीक्षा के बाद एसटीईटी, विशेष शिक्षक पात्रता परीक्षा के बाद बीबोस और पूरक परीक्षा भी शामिल है। इसलिए बिहार विद्यालय परीक्षा समिति से परीक्षा कराने पर ज्यादा संभावना है कि जून में सक्षमता परीक्षा हो। विभागीय अधिकारी के अनुसार नवंबर में विशिष्ट शिक्षक नियमावली पास हो जाता तो दिसंबर अंत तक या 15 जनवरी तक सक्षमता परीक्षा ले ली जाती, लेकिन नियमावली दिसंबर के अंतिम सप्ताह में पारित हुए हैं। इस कारण पौने चार लाख नियोजित शिक्षकों को सक्षमता परीक्षा देने के लिए अभी इंतजार करना पड़ सकता है। नियोजित शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा मिल जाने के बाद उनका एच्छिक तबादला, पदोन्नति, वेतनमान में बढ़ोतरी, डीए समेत अन्य लाभ मिलने लगेंगे। वहीं सरकार ने नियोजित शिक्षकों का पदनाम भी बदल दिया है। अब ये शिक्षक सहायक प्राध्यापक कहे जाएगे। राज्य कर्मी का दर्जा मिलने के बाद इन शिक्षकों के वेतन में भी बढ़ोतरी होगी। जानकारी के अनुसार, सहायक प्राध्यपाक बनने के बाद कक्षा एक से लेकर पांच के शिक्षकों को 25 हजार वेतन मिलेगा। 6 से लेकर 8 तक के शिक्षकों को 28000, कक्षा 9 से लेकर 10 तक के लिए 31 हजार और 11 और 12 तक के लिए सहायक प्राध्यपाकों को 32 हजार रुपये वेतन प्रतिमाह दिया जाएगा।
