लोकसभा सीट शेयरिंग को लेकर 30 सितंबर को हो सकती है महागठबंधन की बैठक, भाकपा- माले ने भेजा प्रस्ताव

पटना। देश में अगले साल मई और जून के महीने में लोकसभा का चुनाव होना है। इस चुनाव को लेकर देश की तमाम राजनीतिक पार्टियों अपने स्तर से तैयारी करने में लगी हुई है। जहां विपक्षी दलों के तरफ से एक नया गठबंधन आईएनडीआईए तैयार किया गया है। तो वहीं सत्तारूढ़ दल एनडीए भी अपने आप को मजबूत करने में लगी हुई है। इसी करीब में अब जोर नहीं जानकारी निकलकर सामने आई है उसके मुताबिक लोकसभा चुनाव को लेकर सीटों की बंटवारे को लेकर 30 सितंबर को महागठबंधन की बैठक आयोजित की जाएगी। आगामी लोकसभा चुनाव की तैयारी में अब सभी दल जुट चुके हैं। ऐसे में बिहार में महागठबंधन के घटक दल भी अब अपने चुनिंदा सीटों पर नजर बनाते दिख रहे हैं। अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव के लिए सीटों पर अभी से मंथन शुरू हो गया है। भाकपा- माले के पार्टी के महासचिव दीपंकर भट्टाचार्य ने सीटों का प्रस्ताव राजद को भेजने की बात तो कही, मगर उन्होंने आंकड़ा नहीं बताया। उन्होंने कहा कि बिहार में 2024 की लोकसभा चुनाव में किस पार्टी को कितनी सीटें मिलेंगी, इसे लेकर 30 सितंबर से पहले महागठबंधन की बैठक होगी, जिसमें टिकट बंटवारे पर चर्चा होगी। दीपंकर ने कहा कि टिकट को लेकर हमने पार्टी का प्रस्ताव राजद को भेजा है और जहां हमारे विधायक है उन सभी संबंधित संसदीय सीटों पर हम चुनाव लड़ेंगे। बताया जा रहा है कि भाकपा- माले ने तो अपनी नौ सीटों का प्रस्ताव राजद को भेज दिया है। इस बार बिहार में मुकाबला बदले हुए समीकरण के साथ होगा। इसबार जदयू और भाजपा एक दूसरे के लिए विरोधी बनकर चुनाव लड़ेगी। ऐसे में महागठबंधन ने एनडीए को पटखनी देने के लिए अब कमर कसना शुरू कर दिया है। इधर, भाकपा- माले पार्टी कार्यालय से मिली जानकारी के मुताबिक माले ने नौ सीटों का प्रस्ताव भेजा है। इनमें सीवान, आरा, काराकाट, जहानाबाद, पाटलिपुत्र, कटिहार, बाल्मिकीनगर, बक्सर और समस्तीपुर शामिल है। दीपंकर ने कहा कि मुंबई में विपक्षी दलों की बैठक से भाजपा परेशान है। बैठक में 2024 के चुनाव को लेकर कई निर्णय लिये गये हैं, जिसमें तय किया गया है कि हर राज्य में विपक्षी एकता के दम पर महंगाई, बेरोजगारी और अस्थायी तानाशाही के खिलाफ जन अभियान चलेगा।
