टीबी मुक्त भारत बनाने में पटना एम्स की भूमिका महत्वपूर्ण

पटना। बुधवार को बिहार राज्य में होने वाली प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान मूल्यांकन पर चर्चा करने के लिए कार्यकारी निदेशक डॉ। जी।के। पाल की अध्यक्षता में एम्स पटना के समिति कक्ष में एक बैठक आयोजित की गई। वही इस बैठक का मुख्य उद्देश्य भारत से टीबी को खत्म करने में समुदाय की प्रभावी भागीदारी के लिए एक मंच तैयार करना है। पटना एम्स के निदेशक डॉक्टर जी के पाल ने कहा कि टीवी मुक्त भारत बनाने के भारत सरकार के इस अभियान में पटना एम्स की भूमिका बहुत ही महत्वपूर्ण हो गई है। उन्होंने कहा कि हर संस्थाओं के साथ मिलकर काम करने और जन जागरूकता अभियान के लिए पटना एम्स लगातार अभियान चला रखा है। डॉ. पाल ने कहा कि टीबी की समस्या को जड़ से मिटाने के लिए ग्रामीण इलाकों में आमजन को जागरूक करना बेहद जरूरी। इतना ही नहीं पंचायत स्तर पर भी जनप्रतिनिधियों की भागीदारी सुनिश्चित करानी होगी और समय-समय पर जागरूकता कैंप भी लगा कर लोगों को जागरूक करना होगा। वही इस कार्यक्रम में पीएमटीबीएमबीए मूल्यांकन के बारे में विस्तार से बताया गया और डेटा संग्रह की प्रक्रिया के बारे में बताया गया। डॉ. सीएम सिंह, HOD, सामुदायिक एवं पारिवारिक चिकित्सा और चिकित्सा अधीक्षक, एम्स पटना जो मूल्यांकन के लिए साइट के प्रधान अन्वेषक भी हैं, उन्होंने एम्स पटना द्वारा परियोजना कार्यान्वयन की योजना के बारे में जानकारी दी। देश भर में कुल 7 राज्य जैसे की यूपी, बिहार, मेघालय, गुजरात, मध्य प्रदेश, आंध्र प्रदेश और कर्नाटक को पीएमटीबीएमबीए मूल्यांकन के लिए चुना गया है। बिहार में दो जिले पटना और बेगुसराय को मूल्यांकन के लिए शामिल किया गया है। इससे पहले आज दिन में टीम ने पटना जिले के राज्य यक्ष्मा अधिकारियों से भी मुलाकात की थी। वही इस कार्यक्रम के हितधारकों में टीबी रोगी, समुदाय, राज्य और जिला प्रशासन, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय और नि-क्षय मित्र शामिल हैं, जैसे की सहकारी समितियां, निगम, कॉर्पोरेट, निर्वाचित प्रतिनिधि, संस्थान, गैर सरकारी संगठन, राजनीतिक दल और भागीदार जो सरकारी प्रयासों के पूरक के रूप में टीबी के खिलाफ लड़ाई में तेजी लाने के लिए अतिरिक्त स्वास्थ्य सुविधाओं को अपनाने का समर्थन करते हैं। वही इस बैठक के दौरान भारतीय सार्वजनिक स्वास्थ्य संस्थान, गांधीनगर की एक टीम ने प्रस्तुति दी जिसमें डॉ. अनीश सिन्हा, डॉ. जय पटेल और डॉ. संदीप राय शामिल थे।

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