लोकसभा चुनाव को लेकर शिवानंद की भविष्यमानी, बोले- भाजपा की हार तय, मोदी को नहीं मिलेगा माफीनामा

पटना। भाजपा लगातार CM नीतीश की ओड़िशा यात्रा को राजनीतिक पर्यटन की संज्ञा दे रही है और उनकी विपक्षी एकता के मुहीम को चुनौती दे रही है. वही मंगलवार से ही मुखर विपक्ष उनकी मुंबई की प्रस्तावित यात्रा NCP के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद पवार से उनकी होने वाली मुलाकात पर भी प्रश्नचिन्ह लगा रही है। वहीं सत्तापक्ष की दलीलें इसके ठीक विपरीत हैं। राजद के वरिष्ठ नेता और पूर्व सांसद शिवानंद तिवारी का कहना है कि जिस शरद पवार ने कभी विपक्ष एकता की वकालत की थी, वही व्यक्ति आज मुख्यमंत्री नीतीश से इस मुद्दे पर बातचीत का लिए मिलने को इच्छुक है। उनको पता है कि जो अभियान ममता बनर्जी, नीतीश कुमार आदि चला रहे हैं। वह देश के लिए बहुत जरुरी है। अब BJP के लोग इस संबंध में जो कहना है कहते रहें। आगामी वर्ष 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव को एकजुट विपक्ष और BJP नेतृत्व वाले NDA गठबंधन के बीच होने वाली चुनावी रस्साकसी पर उन्होंने कहा कि स्पष्ट है कि अगर अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव में वन टू वन लड़ाई होती है। तो भाजपा चुनाव बुरी तरह हारेगी। यह सर्वविदित है। साल 2019 के पुलवामा हमले और कथित सर्जिकल स्ट्राइक के बावजूद BJP को 40 फिसद से नीचे वोट आया। अब की स्थिति कुछ और है। लोग अब भाजपा से उब चुके हैं। जाहिर है नीतीश कुमार के विपक्षी एकता के अभियान भर से उससे जुदा खेमा उत्साहित है, लेकिन बिहार की मुख्य विरोध पार्टी BJP के नेता इस अभियान को खुली चुनौती दे रहे हैं और इसे दिन में सपने देखने वाली मनोस्थिति बताने में लगे हुए हैं। अब भविष्य ही बतायेगा कि विपक्षी एकता की मुहीम कितनी व्यवहारिक थी और BJP का तर्क इसके कितना करीब था।

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