बिहार में मिले ब्लैक फंगस के 9 नए मरीज, अब तक मिल चुके 19 केस

­पटना। कोरोना से ठीक हो चुके मरीजों में ब्लैक फंगस के मामले बढ़ते लगे हैं। शुक्रवार को पटना में आठ समेत राज्यभर में नौ नए मरीज सामने आए हैं। इनमें पटना एम्स में तीन, पारस में दो, बोरिंग रोड स्थित वेल्लोर ईएनटी सेंटर में तीन तथा रोहतास के एक मरीज का कैमूर जिले के कुदरा स्थित रीना देवी मेमोरियल कोविड डेडिकेटेड हॉस्पिटल में इलाज चल रहा है। इस तरह राज्य में ब्लैक फंगस के अब तक 19 मरीज सामने आ चुके हैं।

पटना एम्स में भर्ती तीन मरीजों में दो पटना तथा तीसरा मुजफ्फरपुर का है, जबकि वेल्लोर ईएनटी सेंटर में आए तीनों मरीजों में औरंगाबाद, पटना और बक्सर के शामिल हैं। पारस अस्पताल में आए दोनों मरीज पटना के रहने वाले हैं। डॉक्टरों के मुताबिक इनमें एक में प्रारंभिक लक्षण हैं, जबकि दूसरे का ऑपरेशन करना होगा। वहीं, कुदरा के रीना देवी मेमोरियल अस्पताल में भर्ती मरीज रोहतास के खुर्माबाद का रहने वाला है। वेल्लोर ईएनटी सेंटर में ब्लैक फंगस से पीड़ित तीनों मरीजों का सफल ऑपरेशन डॉ. गौरव आशीष ने किया। इसके बाद तीनों मरीजों को डिस्चार्ज कर दिया गया।

पटना एम्स में कुल सात मरीज इलाज करा रहे हैं। शुक्रवार को एम्स में जो तीन नए मरीज मिले, वे कोरोना संक्रमित थे। इसमें एक लंबे समय तक दूसरे अस्पताल में भर्ती था। एक के चेहरे पर सूजन है और आंख की रोशनी चली गई। दूसरा मरीज भर्ती होने के बावजूद बेहोश की स्थिति में है। इसका इलाज एम्स में चल रहा है। पटना एम्स के कोविड नोडल पदाधिकारी डॉ.संजीव कुमार ने बताया कि ब्लैक फंगस के शिकार एक मरीज के ब्रेन में भी समस्या है। अभी तक पटना एम्स में अब ब्लैक फंगस के सात मरीज, आईजीआईएमएस में दो, रूबन में दो और पारस में चार मरीज मिल चुके हैं।

पटना एम्स के कोविड नोडल पदाधिकारी डॉ. संजीव कुमार ने कहा कि ब्लैक फंगस फंगल संक्रमण है। यह तभी लगता है जब शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता काफी कमजोर हो। कोई लंबे समय से बीमार हो या लंबे समय से अस्पताल में आईसीयू में भर्ती हो या वेंटिलेटर पर लंबे समय से हो। अगर शरीर काफी कमजोर होगा तो यह फंगस नाक, चेहरा,गला, आंख और ब्रेन को पकड़ लेता हैं।

कोविड के इलाज में स्टेरॉयड दवा काफी कारगर है लेकिन लोगों को इसका उपयोग सिर्फ डॉक्टर की सलाह से लेना चाहिए। लोग अपने मन से स्टेरॉयड दवा अनियंत्रित रूप से लेते हैं। खासकर जो पहले से कैंसर, शुगर, किडनी या लंबे से किसी बीमारी से ग्रसित हैं वैसे मरीजों को तो बेहद सावधानी की जरूरत हैं। कोविड संक्रमण के दौरान शरीर काफी कमजोर हो जाता है। बिना डॉक्टर की सलाह से स्टेरॉयड दवा का दुरुपयोग करते हैं। जल्दी ठीक होने के चक्कर में लोग अनियंत्रित डोज ले लेते हैं।

ये हैं लक्षण
चेहरे, दांत, आंख, नाक और सिर में दर्द रहना। नाक से पानी आना और खून निकलना। नाक में काला पपड़ी जमना, आंख में सूजन,लालिमा आना, रोशनी कम होना या चला जाना, आंख का बाहर निकल जाना।

 

 

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