देश की सबसे बड़ी अदालत सुप्रीम कोर्ट में 80 हजार से अधिक केस लंबित, संसद में कानून मंत्री ने दिए आंकड़े

नई दिल्ली। शुक्रवार को लोकसभा को सूचित किया गया कि देश की विभिन्न अदालतों में पांच करोड़ से अधिक मामले लंबित हैं। साथ ही, बताया गया कि उनमें से 80,000 मामले सुप्रीम कोर्ट में हैं। इसके साथ ही कानून मंत्री ने सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट में भी लंबित मामलों के भी आंकड़े बताए हैं। एक लिखित उत्तर में, कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कहा कि 1 दिसंबर तक 5,08,85,856 लंबित मामलों में से 61 लाख से अधिक 25 उच्च न्यायालयों में थे। शुक्रवार को लोकसभा में जानकारी देते हुए केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने बताया कि देश की विभिन्न अदालतों में लंबित 5 करोड़ से अधिक मामलों में सभी 25 उच्च न्यायालयों में लंबित 61 लाख से अधिक मामले शामिल हैं। सुप्रीम कोर्ट में भी लंबित कुल 80 हजार मामले शामिल हैं। कानून मंत्री मेघवाल ने बताया है कि देश के जिला और अधीनस्थ अदालतों में 4.46 करोड़ से अधिक मामले लंबित पड़े हैं। केंद्रीय मंत्री ने यह भी कहा कि भारतीय न्यायपालिका की कुल स्वीकृत संख्या 26,568 न्यायाधीशों की है। जहां सुप्रीम कोर्ट में न्यायाधीशों की स्वीकृत संख्या 34 है, वहीं हाई कोर्ट में न्यायाधीशों की स्वीकृत संख्या 1,114 है। जिला और अधीनस्थ न्यायालयों में न्यायाधीशों की स्वीकृत संख्या 25,420 है। केंद्रीय कानून मंत्री ने बताया कि हाई कोर्ट कॉलेजियम द्वारा भेजे गए न्यायाधीशों की नियुक्ति के लिए 123 प्रस्ताव आए हैं, जिनमें से 12 दिसंबर तक 81 प्रस्ताव प्रक्रिया के विभिन्न चरण में हैं। वहीं, शेष 42 प्रस्ताव सुप्रीम कोर्ट के कॉलेजियम के विचाराधीन हैं।

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