सीतामढ़ी : स्ट्रीट लाईट में लाखों रुपये का घोटाला, ग्रामीण विकास विभाग के सचिव एवं मुख्य सचिव को दिया लिखित आवेदन

सीतामढ़ी। बिहार के सीतामढ़ी जिलान्तर्गत रुन्नीसैदपुर प्रखंड के कौड़िया लालपुर पंचायत स्थित धनहरा ग्रामवासी सह एंटी करप्शन अभियान के नेतृत्वकर्त्ता एवं युवा नेता जलेश्वर कुमार यादव ने रुन्नीसैदपुर प्रखंड के बीडीओ धनंजय कुमार के कार्यशैली पर सवाल खड़ा करते हुए शुक्रवार को ग्रामीण विकास विभाग, पटना के सचिव एवं मुख्य सचिव को लिखित आवेदन दिया है।
श्री यादव ने आवेदन में कहा है कि नल-जल योजना में हुई घोटाले के आरोपित मुखिया अवधेश साह सहित एक दर्जन अन्य व्यक्तियों के विरुद्ध रुन्नीसैदपुर थाना में कांड संख्या 236/19 दर्ज है, जो मामला पुलिस अनुसंधान में एसआई मंजर अहमद खान के पास लंबित है। वहीं आरोपित मुखिया अवधेश साह फिर से अपने सहयोगियों के साथ मिलकर पंचायत में चल रहे 15वीं योजना की राशि से पंचायत में सरकारी गाइडलाईन को ताक पर रखकर स्ट्रीट लाईट में लाखों रुपये का घोटाला कर लिया है।


आवेदन में यह भी कहा गया है कि बिना कार्यकारणी की सहमति लिए हुए 7900 रुपये के कार्य की जगह 2000 रूपये का ही काम अपने चहेते लोगों के दरवाजे पर कराकर शेष राशि 5900 रुपये प्रति स्ट्रीट लाईट मेनटेनेंस के नाम पर समय से पहले निकासी कर कमीशन के तौर पर बंदरबांट कर लिया है, जो सरकारी गाईड लाईन के विरुद्ध है।
श्री यादव ने कहा है कि इस पंचायत में कुल 13 वार्ड हैं। जिसमें से सिर्फ व सिर्फ वोट की राजनीति के मद्धेनजर 5 वार्ड में ही अपने चहेते लोगों के दरवाजे पर स्ट्रीट लाईट लगाया गया है। जबकि सरकारी गाइडलाईन के निर्देशानुसार जहां चौक-चौराहा है वहां के भूस्वामी से अनुमति लेकर स्ट्रीट लाईट लगाना था। जबकि ऐसा बिल्कुल नहीं किया गया है।
इस आशय का पूर्व में जलेश्वर कुमार यादव ने लिखित जानकारी बीडीओ धनंजय कुमार को दिये थे। बीडीओ ने आखिरकार तत्काल में उस समय अपने अधिनस्थ कर्मी से इसका सभी अभिलेखों की मांग की थी। फिर बाद में मामला को टाल-मटोल कर दिया गया है। श्री यादव ने मीडिया से हुई वार्त्तालाप में कहा है कि घोटाले की उच्चस्तरीय जांच अगर नहीं हुआ, तो हम दोषी पदाधिकारियों के विरुद्ध पटना हाईकोर्ट में रिट याचिकाफाईल करेंगे।
एक भी दोषी नहीं बख्शे जायेंगे: बीडीओ
इधर बीडीओ धनंजय कुमार ने बताया कि काम की व्यस्तता के कारण जांच में विलंब हुई है। जांच के लिए अभिलेखों की मांग किया गया है। जांच में एक भी दोषी नहीं बख्शे जायेंगे। मुख्य सचिव ने सीतामढ़ी जिला पदाधिकारी से आवेदन के आलोक में स्पष्ट जांच प्रतिवेदन मांगा है।

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