PATNA : सावधान! बंध्याकरण कराने सरकारी अस्पतालों में जा रही हैं तो पहले इस खबर को पढ़ लें
पटना। सावधान हो जाइए, अगर आप बंध्याकरण कराने सरकारी अस्पतालों में जा रही हैं तो पहले इस खबर को जान लें। बंध्याकरण के बाद एक महिला के गर्भवती होने का दूसरा मामला पटना जिला के बाढ़ अनुमंडल अंतर्गत मोकामा के मेकरा गांव में सामने आई है, जो बिहार के सरकारी अस्पतालों की पोल खोल कर रख दिया है। उक्त पीड़ित महिला गर्भवती होने के बाद न्याय के लिए लोक शिकायत निवारण विभाग की ओर रुख किया है। पीड़िता के पति ने बताया कि वह पत्नी के अनचाहे गर्भ को लेकर काफी परेशान हैं।
बता दें बिहार सरकार परिवार नियोजन को लेकर कई तरह के कार्यक्रम चला रही है लेकिन यह कार्यक्रम एक बार फिर सवालों के घेरे में आ गया है। पिछले दिनों भी एक ऐसा ही मामला बिहार के मुजफ्फरपुर जिले में सामने आया था, जिसमें पीड़ित महिला ने बताया था कि बंध्याकरण के बावजूद वह गर्भवती हो गई है। अब दूसरा मामला मोकामा के मेकरा गांव में सामने आया है।
इस संबंध में मोकामा प्रखंड के मेकरा गांव निवासी पीड़िता अंशु देवी की माने तो उसने मोकामा के रेफरल अस्पताल में 2018 में बंध्याकरण कराई थी। उसमें अपने गांव की आशा कार्यकर्ता शांति देवी के साथ 5 दिसंबर 2018 को बंध्याकरण का आॅपरेशन कराया था। अंशु देवी के पहले से दो बच्चे हैं। अंशु देवी 2 बच्चे के बाद बंध्याकरण कराई लेकिन 1 साल बाद वह गर्भवती हो गई तो पति पत्नी दोनों परेशान हो गए। अंशु देवी ने बताया कि कई बार आशा कार्यकर्ता शांति देवी को इसकी सूचना दिया लेकिन वह टालमटोल करने लगी। उस अस्पताल मोकामा रेफरल में जांच करायी तो उसे गर्भवती होने का पता चला। यह जानकर अंशु देवी के पति महुली पासवान ने जब अस्पताल में पता किया कि ऐसा कैसे हो गया, बंध्याकरण के बाद भी उसकी पत्नी गर्भवती हो गई तो अस्पताल प्रशासन ने अपना पल्ला झाड़ना शुरू कर दिया।
पीड़िता के पति ने बताया कि जिस डॉक्टर ने आॅपरेशन किया था, वह अब रेफरल अस्पताल में पदस्थापित नहीं है। गर्भवती होने के बाद अब पति पत्नी दोनों काफी परेशान है। उनकी आर्थिक हालात इतने भी अच्छे नहीं हैं कि वे तीसरे बच्चे का पालन पोषण कर सकें। इसी को लेकर पति पत्नी ने मोकामा रेफरल अस्पताल के विरुद्ध अनुमंडलीय लोक शिकायत निवारण कार्यालय पहुंच शिकायत की है और न्याय की गुहार लगाई है।
बहरहाल, इन मामलों के सामने आने के बाद यही कहा जा सकता है कि बिहार सरकार का परिवार नियोजन कार्यक्रम जमीन पर दम तोड़ रहा है ऐसे में स्वास्थ्य विभाग की आगे क्या रुक होगी देखने वाली बात है।