वेबिनार में वक्ता : दिव्यांगजनों एवं हाशिए पर रहने वाले लोगों पर कोरोना का सर्वाधिक प्रभाव

पटना। सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय, भारत सरकार के फील्ड आउटरीच ब्यूरो (एफओबी), सीतामढ़ी द्वारा शुक्रवार को बिहार में कोरोना के विरुद्ध जन-आंदोलन एवं जागरूकता विषय पर वेबिनार का आयोजन किया गया।
सीतामढ़ी का रिकवरी रेट अन्य जिलों के मुकाबले सबसे अच्छा
वेबिनार में अतिथि वक्ता के तौर पर शामिल सीतामढ़ी के जिला नोडल पदाधिकारी (कोविड-19) डॉ. आरके यादव ने कहा कि कोविड-19 के शुरूआती दौर में सीतामढ़ी प्रशासन के समक्ष बड़ी चुनौती थी। ऐसा इसलिए भी था क्योंकि सीतामढ़ी एक बॉर्डर इलाका है। लेकिन यहां के जिला प्रशासन की ओर से नेपाल से आने वाले तमाम लोगों का गहन स्क्रीनिंग किया गया और उचित कदम उठाए गए। उन्होंने कहा कि यहां संक्रमितों की संख्या बहुत कम है और यहां का रिकवरी रेट भी अन्य जिलों के मुकाबले सबसे अच्छा है।
स्तनपान कराने से मां से बच्चे में नहीं होता कोरोना वायरस का संचरण
अतिथि वक्ता के रूप में शामिल मोतिहारी की स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. हिना चंद्र ने कहा कि अन्य देशों के मुकाबले कोरोना की लड़ाई में भारत का प्रदर्शन सबसे बेहतर रहा है और पूरे देश भर में बिहार का प्रदर्शन सबसे अच्छा है। उन्होंने कहा कि जनता कर्फ्यू से लेकर लॉकडाउन और लॉकडाउन के उपरांत अनलॉक तक सभी स्तरों पर भारत की जनता ने सरकार द्वारा समय-समय पर जारी किए जा रहे दिशा-निर्देशों का शिद्दत के साथ निर्वहन किया है। उन्होंने कहा कि विभिन्न विभागों और सरकार के अथक प्रयास का ही नतीजा है कि आज सुदूर गांवों में भी लोग मास्क लगाकर चल रहे हैं। उन्होंने कहा कि स्तनपान कराने से मां से बच्चे में या बच्चे से मां में कोरोना वायरस का संचरण नहीं होता है, बल्कि मां का दूध बच्चे के लिए रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने का कार्य करता है।
कोरोना काल का सकारात्मक पक्ष है आनलाइन शिक्षा
अतिथि वक्ता के.एम. नॉलेज सर्विसेज, बेगूसराय की आनलाइन शिक्षा विशेषज्ञ अर्चना शर्मा ने कहा कि पूरे कोरोना काल में सबसे अधिक प्रभाव शिक्षा के क्षेत्र पर पड़ा है। लेकिन इस दौरान कुछ सकारात्मक पक्ष भी देखने को मिले। उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के दौरान आनलाइन शिक्षा में गजब का विकास हुआ है। बड़ों से लेकर बच्चों तक डिजिटल एजुकेशन को आत्मसात कर रहे हैं और अपनी पढ़ाई को जारी रखे हुए हैं। हालांकि उन्होंने कहा कि एक पक्ष यह भी है कि दूरदराज गांव के लोग अभी भी डिजिटाइजेशन से अछूते हैं। उन्होंने कहा कि इस दिशा में सरकार को कुछ करने की आवश्यकता है।
सीतामढ़ी के दिव्यांग पुनर्वास विशेषज्ञ डॉ राजेश कुमार ने कहा कि कोरोना महामारी का सबसे ज्यादा प्रभाव दिव्यांगजनों व हाशिए पर रहने वाले लोगों पर पड़ा है। उन्होंने संयुक्त राष्ट्र के आंकड़े का हवाला देते हुए कहा कि पूरे विश्व भर में 1 करोड़ से अधिक दिव्यांग एवं हाशिए पर रहने वाले लोग हैं, जो सबसे ज्यादा कोरोना प्रभावित हैं।

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