विधानसभा में नोंकझोक : आखिर CM नीतीश को क्यों कहना पड़ा तुम हमारे बेटे के समान, किसने बनाया था डिप्टी सीएम?

पटना। बिहार विधानसभा सत्र के आखिरी दिन सत्ता पक्ष और विपक्ष में तीखी नोंकझोक हुई। सीएम नीतीश पर तेजस्वी द्वारा किए गए निजी टिप्पणी के कारण सदन में जमकर हंगामा हुआ। सदन में शुक्रवार को गर्माहट उस वक्त पैदा हो गई जब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव पर उखड़ गए। सीएम नीतीश ने कहा कि हम अब तक चुप थे। यह (तेजस्वी) हमारे बेटे के समान हैं। इनके पिताजी (लालू प्रसाद) हमारी उम्र के हैं। तुमको डिप्टी सीएम किसने बनाया था? आप चार्जशीटेड हो, तुम क्या करते हो, हम सब जानते हैं।
बता दें इससे पहले राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा के दौरान सीएम नीतीश पर तेजस्वी ने निजी टिप्पणी करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी अपनी चुनावी सभाओं में लालू को 9 बच्चों की बात करते थे। कहते थे बेटी पर भरोसा नहीं था, बेटा के लिए 9 बच्चे हुए। क्या नीतीश जी को लड़की पैदा होने का डर था, इसलिए उन्होंने दूसरा बच्चा नहीं पैदा किया?
विधानसभा में राज्यपाल के अभिभाषण पर जदयू के विधायक और पूर्व संसदीय कार्य मंत्री श्रवण कुमार ने धन्यवाद प्रस्ताव पेश किया और उसका अनुमोदन भाजपा के विधायक राणा रणधीर सिंह ने किया। दोनों नेताओं के वक्तव्यों के बाद जब नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव को बोलने का मौका मिला तब उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खिलाफ एक के बाद एक कई निजी हमले किए। वहीं, गंभीरता से बातों को सुन रहे मुख्यमंत्री को नेता प्रतिपक्ष की भाषा पर हंसी भी आई। दूसरी ओर जदयू और भाजपा के सदस्यों ने इस पर कड़ी आपत्ति जताई। इसको लेकर पक्ष और विपक्ष के सदस्यों के बीच तीखी नोकझोंक भी हुई। इस पर नवनिर्वाचित विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा ने नेता प्रतिपक्ष से संयमित भाषा का इस्तेमाल करने और निजी बातों की बजाए विकास की बातों पर चर्चा करने का आग्रह किया लेकिन तेजस्वी नहीं माने और लगातार निजी हमला करते रहे। सत्ता पक्ष की ओर से हो रही टोका-टोकी से नाराज तेजस्वी ने चेतावनी भरे लहजे में कहा, आप ऐसा करेंगे तो हम सदन चलने देंगे क्या, किसी को भी बोलने का मौका नहीं देंगे।
विधानसभा अध्यक्ष ने मुख्यमंत्री के खिलाफ की गई निजी टिप्पणियों और असंसदीय शब्दों को कार्यवाही से हटाने का निर्देश दिया। इसके बाद ही सत्ता पक्ष के सदस्य शांत हुए और फिर उसके बाद नेता प्रतिपक्ष का भाषण शुरू हुआ। भोजनावकाश का समय हो जाने के कारण सभा की कार्यवाही दो बजे दिन तक के लिए स्थगित कर दिया गया।

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