लॉक डाउन से टाल के किसान, मजदूर और मत्स्य पालक संकट में, हो रही लाखों की आर्थिक क्षति
बाढ़। लॉक डाउन के कारण प्राय: सभी लोगों को आर्थिक क्षति का सामना करना पड़ रहा है। देश में एक ओर जहां सारे काम ठप पड़े हैं, वहीं दूसरी ओर किसान, मजदूर और मत्स्य पालक भी काफी संकट से गुजर रहे हैं। बाढ़ अनुमंडल के धनावा मुबारकपुर पंचायत के किसान पैक्स अध्यक्ष सह बड़ किसान महेश प्रसाद सिंह कहते हैं व्यवसाय के लिए मैंने करीब 3 एकड़ जमीन में मछली पालने का रोजगार शुरू किया पर लॉक डाउन के कारण ना तो मछली के खरीदारी करने कोई व्यापारी आ रहा है और ना ही कोई ट्रांसपोर्टिंग की व्यवस्था है, जिसके कारण तालाब का मछली बर्बाद हो रहे है। उन्होंने बताया कि लॉक डाउन से लाखों रुपए का नुकसान हुआ है। इस आर्थिक क्षति को पूर्ति कैसे होगी, यह कहना मुश्किल है।
महेश प्रसाद सिंह ने आगे बताया कि अनुमंडल के टाल क्षेत्र के किसान जहां प्राकृतिक आपदाओं के कारण खेत में लगी फसल प्राय: नष्ट होने तथा फसलों में दाने नहीं होने के साथ हीं फसलों की कटाई करने वाले मजदूर नहीं मिलने का रोना रो रहे हैं। वहीं खेत में काम करने वाले कृषक मजदूर कोरोना वायरस एवं लॉक डाउन के भय से घर से बाहर निकल कर खेत में काम करने को राजी नहीं हैं, जिसके कारण क्षेत्र के किसानों की फसल यूं ही बर्बाद हो रही है और कृषक मजदूरों के सामने भूखमरी की समस्या मुंह बाये खड़ी है। श्री सिंह ने बताया कि असमय वर्षा एवं ओला पड़ने के कारण खेत में लगे गेहूं , चना, मूंग, मसूर सहित तमाम फसलें नष्ट हो गयी है। कुछ फसलें बचीं भी है तो उसमें दाने नहीं हैं सिर्फ धांगें हैं और उसे भी कटनी के लिये इस समय मजदूर नहीं मिल रहा है। किसान श्री सिंह ने बताया कि किसानों को काफी रुपया खर्च कर खेतों में फसल लगाने के बाद प्राकृतिक आपदा के कारण काफी आर्थिक क्षति उठानी पड़ी है। उन्होंने बताया कि इस वर्ष क्षेत्र के किसानों के बीच काफी आर्थिक संकट व्याप्त है।