BIHAR : रोंगटे खड़ा कर देने वाला सोनडीहा रेप कांड में पीड़िता को मिला इंसाफ, 9 दोषियों को अंतिम सांस तक जेल में रहने की सजा

गया। बिहार के गया का सोनडीहा रेप कांड जिसे जानकर आज भी रोंगटे खड़ा हो जाते हैं। दो साल पहले 13 जून 2018 को रात में पौने नौ बजे गुरारू में निजी क्लीनिक चलाने वाले डॉक्टर अपनी पत्नी और बेटी के साथ गया के गुरारू बाजार से लौट रहे थे तभी सोनडीहा के पास एक सुनसान जगह पर उन्हें करीब 20 हथियारबंद बदमाशों ने घेर लिया था। जब उन लोगों ने डॉक्टर की पत्नी और 12 साल की बेटी के साथ बदतमीजी की, तब उन्होंने इसका विरोध किया, जिसके बाद उन्हें पेड़ से बांधकर उनकी पत्नी और बेटी के साथ रेप किया गया था। इस कांड के बाद बिहार सरकार की खूब किरकिरी हुई थी। विपक्ष सुशासन पर लगातार ऊंगुली उठा रहा था। इस सामूहिक बलात्कार मामले में कोंच थाने में कांड संख्या 195/18 दर्ज कर एक दर्जन से अधिक लोगों को अभियुक्त बनाया गया था। उक्त मामले में बुधवार को घटना के 33 माह बाद पीड़िता को इंसाफ मिला है।
सोनडीहा गैंग रेप मामले में एडीजे-7 सह पॉक्सो कोर्ट में बुधवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से 9 दोषियों को अंतिम सांस तक जेल में रहने की सजा सुनाई गई। शुक्रवार को सभी 9 आरोपितों को कोर्ट ने दोषी करार दिया था। विशेष जज नीरज कुमार ने बहस सुनने के बाद 17 मार्च को सभी दोषियों की सजा सुनाने की तिथि निर्धारित की थी। विशेष लोक अभियोजक कमलेश सिन्हा ने बताया कि पॉक्सो कोर्ट के विशेष जज नीरज कुमार ने 9 मार्च को इस मामले के अभियुक्त नवलेश पासवान, निर्भय पासवान, रामू पासवान, उमेश पासवान, रमेश पासवान, सरवन पासवान उर्फ कारू पासवान, भोला पासवान, उपेंद्र उर्फ भुंदुल पासवान, प्रकाश पासवान को दोषी करार दिया था।
23 गवाहों की हुई गवाही
सोनडीहा रेप कांड में अभियोजन की ओर से 23 गवाहों की गवाही अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश प्रथम अशोक कुमार पांडे और वीरेंद्र कुमार मिश्रा की अदालत में हुई थी। सभी गवाहों का परीक्षण सरकार की ओर से विशेष लोक अभियोजक कैसर सरफुद्दीन व कमलेश कुमार सिन्हा ने कराया था। इसके बाद जुलाई 2020 में यह मामला पॉक्सो कोर्ट में आया। यहां अभियुक्तों का बयान और बहस हुआ। विशेष लोक अभियोजक सुनील कुमार ने बहस किया।

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