रूपेश हत्याकांड : जदयू से जुड़े बड़े भाई के लिए करते थे टेंडर मैनेज, मुंगेर में बनी पिस्टल का हुआ इस्तेमाल

पटना। मुख्यमंत्री आवास, राजभवन और सचिवालय से आधा-एक किलोमीटर की परिधि में मंगलवार शाम शास्त्रीनगर थाना क्षेत्र के बलदेव भवन के पास स्थित अपने कुसुम विला अपार्टमेंट के नीचे इंडिगो के स्टेशन हेड रुपेश सिंह की ताबड़तोड़ गोली मारकर हत्या किए जान के बाद हत्यारों तक पहुंचने के लिए गठित स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (एसआईटी) और स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) को ठेकेदारी से जुड़े विवाद का सुराग हाथ लगी है, जो गोपालगंज से जुड़ी है। वहीं प्राथमिक जानकारी में सामने आया है कि अपराधियों ने रूपेश की हत्या 7.65 एमएम की गोली से की है। इसके लिए मुंगेर की बनी हुई पिस्टल का इस्तेमाल किया गया है।
पुलिस की विशेष टीम ने अपना पूरा ध्यान इंडिगो मैनेजर के भाई के नाम पर चल रहे ठेकेदारी के काम से जुड़े विवादों की ओर केंद्रित कर दिया है। रुपेश के बड़े भाई जदयू से जुड़े हैं और वे सारण जिला प्रवक्ता रहे हैं। इन्हीं के लिए टेंडर मैनेजमेंट में रुपेश सक्रिय थे। बता दें इस हाईप्रोफाईल हत्याकांड के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपराधियों को पकड़ने के लिए पुलिस को 48 घंटे का अल्टीमेटम दिया था।
पटना से ज्यादा गोपालगंज पर जांच केंद्रित
सीएम नीतीश की सख्ती के कारण पुलिस ने हत्याकांड के उद्भेदन के लिए अपनी पूरी ताकत झोंक दी है। सारण के जलालपुर निवासी रुपेश सिंह पटना में रह रहे थे, लेकिन छपरा से किसी तरह का विवाद जांच टीम को हाथ नहीं लगा है। जबकि टीम को गोपालगंज से जुड़े टेंडर के विवाद का सुराग मिला है। टेंडर विवाद से जुड़े सुराग को लेकर गिरफ्तारी के लिए छापेमारी चल रही है और जल्द से जल्द सुपारी किलरों तक पहुंचने की कोशिश चल रही है। बुधवार दोपहर पुलिस मुख्यालय ने प्रेस नोट जारी कर एफएसएल की मदद से एसआईटी और एसटीएफ के इस मामले में अनुसंधान की औपचारिक जानकारी भी दी।
ठेकेदारी दिलाने में रुपेश की महत्वपूर्ण भागीदारी
रुपेश सिंह के भाई पेशे से ठेकेदार है। भाई को ठेकेदारी दिलाने में रुपेश सिंह की महत्वपूर्ण भागीदारी होती थी। रुपेश भले ही इंडिगो के स्टेशन मैनेजर थे, लेकिन उनकी पैठ राजनीतिक गलियारे से लेकर बड़े सरकारी अधिकारियों तक थी। ठेकेदारी के किसी विवाद में फुलप्रूफ प्लान के तहत सुपारी देकर हत्या करवाए जाने के एंगल से पुलिस की विशेष टीम जांच कर रही है।

बड़े भाई जदयू के जिला प्रवक्ता रहे हैं
रुपेश के बड़े भाई नागेश्वर (नंदेश्वर) सिंह जदयू के सारण जिला प्रवक्ता रहे हैं और कुछ वर्षों से टेंडर का काम करते हैं। उनके बाद वाले भाई दिनेश कुमार सिंह सारण के ही जलालपुर में स्किल डेवलपमेंट का ट्रेनिंग सेंटर चलाते हैं। बड़े भाई के टेंडर के काम में रुपेश मदद करते रहे हैं और तफ्तीश में यह सामने आ रहा है कि इन्हीं के किसी टेंडर को लेकर विवाद में किसी दूसरे पक्ष से इस परिवार की अदावत हो गई। रुपेश ही ज्यादातर मैनेजमेंट करते थे, इसलिए उन्हें ही रास्ते से हटा दिया गया।
एयरपोर्ट पर भी सामने आई टेंडर विवाद की बात
बुधवार सुबह से शास्त्रीनगर नगर के थानेदार राम शंकर सिंह पुलिस टीम के साथ एयरपोर्ट पहुंचे। पटना एयरपोर्ट पर पुलिस हरेक से पूछताछ कर रुपेश से गहरे जुड़े हर व्यक्ति तक पहुंचने की कोशिश में लगी है। एयरपोर्ट से भी सुराग मिल रहा है कि हत्या का यह पूरा मामला टेंडर से जुड़ा है। इसी प्वाइंट पर पटना पुलिस की जांच चल रही है।

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