रुपेश सिंह हत्याकांड : टेंडर विवाद से लेकर लव-सेक्स-धोखा तक की बातें आ रही सामने, बेगूसराय से गाजीपुर तक जुड़ रहा कनेक्शन

पटना। राजधानी पटना का चर्चित हाईप्रोफाइल मर्डर मिस्ट्री में पटना पुलिस का हाथ अब तक खाली है। लेकिन सीएम नीतीश की नाराजगी को देखते हुए पटना पुलिस, एसआईटी से लेकर एसटीएफ की विशेष जांच टीम अपराधियों का सुराग लगाने के लिए हर पहलुओं पर जांच कर आगे बढ़ रही है। इस हत्याकांड में लव-सेक्स-धोखा से लेकर समाजसेवा, टेंडर विवाद तक की बातें सामने आ रही है और इन सभी बातों को ध्यान में रखते हुए पुलिस जांच में जुटी हुई है। बता दें मंगलवार की शाम दुस्साहस अपराधियों ने सीएम हाउस, राजभवन एवं सचिवालय से महज एक-डेढ़ किमी की परिधि में पटना के शास्त्रीनगर थाना क्षेत्र के पुनाईचक के बलदेव भवन के पास स्थित इंडिगो एयरलाईन के स्टेशन मैनेजर रूपेश सिंह की अपने अपार्टमेंट कुसुम विला के नीचे ताबड़तोड़ 6 गोलियां मारकर हत्या कर दी थी, हालांकि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में कई गोलियां मारने की बाते सामने आयी है। इस हत्याकांड के बाद बिहार की सियासत अचानक से गर्मा गई है। विपक्ष के साथ ही सत्ता पक्ष की ओर से नीतीश कुमार के सुशासन पर लगातार उंगुली उठ रहे हैं। इस हत्याकांड से नाराज सीएम नीतीश ने बुधवार को डीजीपी से स्पष्ट कह दिया कि कुछ भी हो हल हाल में अपराध रूकना चाहिए।
इधर, खबर है कि रुपेश सिंह की हत्या को लेकर पुलिस की विशेष जांच टीम विभिन्न बिंदुओं पर आगे बढ़ रही है। इसमें लव-सेक्स-धोखा से लेकर समाजसेवा, टेंडर विवाद तक की बातें सामने आ रही है। इस हत्याकांड को अंजाम देने में प्रदेश के बेगूसराय से यूपी के गाजीपुर तक का कनेक्शन जुड़ रहा है।
टेंडर दिलाने के नाम पर 13 करोड़ लेने की बातें
अब तक की जांच में यह बात सामने आई है कि बिजली से जुड़े काम के लिए टेंडर दिलाने के नाम पर रुपेश ने तीन-चार लोगों से करीब 13 करोड़ रुपए लिए थे। हालांकि रुपेश उन लोगों को टेंडर दिलवाने में असफल रहे और इस बीच छपरा के जलालपुर और उसके आसपास के इलाके 2018-19 की बाढ़ में डूब गए थे। टेंडर के नाम पर मिले रुपयों से ही उन्होंने पीड़ितों की मदद की थी। उनकी इच्छा मढ़ौरा से विधानसभा चुनाव लड़ने की थी। इसी वजह से वो समाजसेवा को लेकर काफी एक्टिव थे।
3 बाइक पर 6 अपराधी थे सवार
हत्या के बाद खबर यह सामने आयी कि अपराधियों की संख्या दो थी, जो घटना को अंजाम देने के लिए पहले से घात लगाए थे। जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ी और बुधवार को एयरपोर्ट से लेकर पुनाईचक और उनके घर शंकर पथ तक में लगे सभी सीसीटीवी कैमरा को पुलिस की विशेष जांच टीम ने खंगालना शुरू किया तो यह बात सामने आई कि अपराधियों की कुल संख्या 6 थी। ये सभी तीन बाइक से आए थे। ये अपराधी एयरपोर्ट से ही रुपेश के निकलने के साथ थे। हर एक बाइक पर दो अपराधी सवार थे। इनमें से एक बाइक पर सवार दो अपराधी मेन गली के मोड़ पर ही रूक गया था। जबकि, दो अलग-अलग बाइक पर 4 अपराधी शंकर पथ के अंदर गए। इनमें से एक बाइक से दो अपराधी रुपेश के कार तक गए और बैक टू बैक गोली मारकर फरार हो गए।
टावर डम्प में मिला यूपी ईस्ट का सिम
इस हाईप्रोफाईल हत्याकांड की जांच के क्रम में पुलिस की विशेष टीम ने वारदात स्थल और उसके आसपास के टावर लोकशनों को खंगाला। टावर कनेक्ट हुए मोबाइल नंबरों की पहचान की गई। इसमें एक मोबाइल नंबर संदिग्ध पाया गया है, जो उत्तर प्रदेश का है। सिमकार्ड वोडाफोन कंपनी का और नंबर उत्तर प्रदेश ईस्ट का था। सिमकार्ड के जरिए कनेक्शन सीधे गाजीपुर से जुड़ रहा है। संदिग्ध मोबाइल नंबर किसका है? उसका इस्तेमाल कौन कर रहा था? इसकी पड़ताल जारी है। दूसरी तरफ एक टीम रुपेश के कॉल डिटेल्स की भी जांच कर रही है।
रडार पर बेगूसराय का शूटर
पुलिस के रडार पर बेगूसराय का एक शूटर भी आया है। जिसका कनेक्शन पटना के एक लड़की से होने की बात सामने आ रही है। दरअसल, बेली रोड के एक इलाके की रहने वाली लड़की को अक्सर रुपेश सिंह के साथ देखा जाता था। कई बार रुपेश उसे घर तक छोड़ने भी गए थे। हालांकि इन दोनों के बीच किस तरह का कनेक्शन है? यह बात स्पष्ट नहीं है। लड़की हाइप्रोफाइल है और कई बड़े लोगों तक उसकी भी पहचान है। पुलिस की टीम इस प्वाइंट पर भी जांच कर रही है।
अब तक 200 लोगों से पूछताछ
एयरपोर्ट से लेकर पुनाईचक स्थित घर, छपरा के जलालपुर स्थित पुश्तैनी घर से लेकर गोपालगंज तक पुलिस की अलग-अलग कई टीम जांच, पूछताछ और अपराधियों का सुराग लगाने में जुटी हुई है। इस हत्याकांड को लेकर अब तक करीब 200 लोगों से पूछताछ की जा चुकी है। इसमें करीब 60 से 70 लोग एयरपोर्ट पर तैनात स्टाफ हैं। इसके साथ ही शंकर पथ के पास चाय दुकानदार नरेश भी शामिल है। हालांकि इन सभी से पूछताछ में कोई ठोस सुराग जांच टीम के हाथ नहीं लगा है।

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