मानव व्यवहार और अधिकारों को समझने के लिए जेल सबसे अच्छी जगह : आमिर सुबहानी

पटना। सोमवार को चंद्रगुप्त इंस्टीट्यूट आफ मैनेजमेंट, पटना में आयोजित बिहार जेल सेवा (बीपीआरएस) अधिकारियों के लिए छह दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्घाटन गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव आमिर सुबहानी ने किया। इस दौरान श्री सुबहानी ने कहा कि ‘मानव व्यवहार और मानव अधिकारों के विषयों को समझने के लिए जेल सेवा सबसे अच्छी जगह है। मानव व्यवहार को बारीकी से देखा जाता है, नियंत्रित किया जाता है और सुधारक सेवा के साथ ढाला जाता है। हमारे अधिकारियों को उचित कौशल और अभिविन्यास प्रदान करके महान प्रयोग किया जा सकता है। कैदी अपने शरीर और दिमाग के साथ बहुत हद तक आपके नियंत्रण में हैं। कैदियों के दिमाग को और अधिक प्रभावी ढंग से नियंत्रित करने की आवश्यकता है ताकि वे अपने भविष्य को उज्ज्वल बना सकें।’ उन्होंने कहा कि आप उन्हेंं सपने देखने के लिए कहेंगे, तो वे बहुत अलग दृष्टिकोण के साथ आएंगे। जेल से बाहर आने के बाद, नई नौकरी, दूरस्थ शिक्षा, पत्राचार पाठ्यक्रम, कौशल उनके जीवन को बदल सकते हैं।
वहीं बिहार इंस्टीट्यूट आफ करेक्टिव एडमिनिस्ट्रेशन, हाजीपुर के निदेशक नीरज झा ने कहा कि यह प्रशिक्षण कार्यक्रम पुलिस अनुसंधान एवं विकास ब्यूरो पाठ्यक्रम के दिशा निर्देशों के आधार पर बनाया गया है। सीआइएमपी के निदेशक डॉ. वी. मुकुंद दास ने कहा कि अधिकारियों को और अधिक मानवीय होने की जरूरत है। सभी गलत कर्ता अपने दृष्टिकोण में बहुत रचनात्मक हैं। जेल अधिकारियों को उन्हेंं बाहर करने के लिए एक दोहरे रचनात्मक दृष्टिकोण को अपनाने की आवश्यकता है।

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