तेजस्वी को कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े करने का कोई नैतिक अधिकार नहीं : JDU

पटना। जदयू प्रवक्ता राजीव रंजन प्रसाद ने कहा कि जिस राजद के 15 साल के शासन में बिहार अपराध व भ्रष्टाचार की आग में जला, उस राजद के सर्वेसर्वा बने तेजस्वी यादव को आज बिहार में कानून-व्यवस्था की समस्या दिखना हास्यास्पद है। नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव को कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े करने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है। आजादी के बाद अगर बिहार के कानून व्यवस्था के लिए जो सबसे काला दौर था वह 1990 से 2005 के बीच राजद (लालू-राबड़ी) के शासनकाल का दौर था। उस काले दौर को उच्च न्यायालय ने जंगलराज का नाम दिया था।
श्री प्रसाद ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिहार को जातीय हिंसा, सामूहिक नरसंहार, इलाकाई क्षत्रपों, वाहनों से बंदूकों की नलियां निकलने को स्टेटस सिंबल माने जाने वाले दौर से बाहर निकालकर बिहार में कानून का राज स्थापित किया। राजद शासन के जंगलराज की बदनामी को पूरी दुनिया में बिहार ने झेला है। लालू-राबड़ी शासन में कोई बाहरी बिहार आने से डरता था और शाम होते ही पूरे प्रदेश में सन्नाटा पसर जाता था। एनसीआरबी के ताजा आंकड़ों के अनुसार, संगीन अपराध के मामले में बिहार देश में 23वें स्थान पर है। साल-दर-साल बिहार में घटते अपराध के आंकड़े इसकी गवाही देते हैं।
श्री प्रसाद ने कहा कि लालू प्रसाद जी की तस्वीर गायब कर के तेजस्वी यादव बिहार को गुमराह नहीं कर सकते हैं। वह जंगलराज के दौर से आज के बिहार की तुलना कर खुद जोखिम ले रहे हैं। बिहार की जनता अब कभी भी उस काले दौर को याद नहीं करना चाहती है और ना ही उस दौर में वापस नहीं जाना चाहती है। राजद जैसी पार्टी और तेजस्वी यादव जैसे गैर जिम्मेदार नेता को नीतीश कुमार पर सवाल खड़ा करने के बजाय सार्वजनिक रूप से उस काले दौर के लिए समस्त बिहार वासियों से माफी मांगनी चाहिए।

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