November 18, 2025

भारत बंद का बिहार में मिला-जुला असर: पटना में पुलिस से भिड़े छात्र, थमी दिखी वाहनों की चाल

पटना। देश के विभिन्न केंद्रीय ट्रेड यूनियनों ने बुधवार को भारत बंद बुलाया था, जिसका बिहार में मिला-जुला असर देखने को मिला। कहीं ट्रेनें रोककर नारेबाजी की गई तो कहीं सड़क जाम कर प्रदर्शन किया गया। पटना में छात्रों से पुलिस की झड़प हो गई। कुल मिलाकर बंद शांतिपूर्ण रहा। अपने 17 सूत्री मांगों को लेकर 10 प्रमुख ट्रेड यूनियनों की हड़ताल को बिहार-झारखंड के कई संगठनों ने समर्थन किया था और इस बंद में देश में करीब 25 करोड़ लोग शामिल हुए।
पटना में पुलिस से भिड़े एआईएसएफ के छात्र
पटना में एआईएसएफ छात्र संगठन ने राजेंद्रनगर में जमकर हुड़दंग मचाया। ट्रेन रोकने की कोशिश की, पुलिस ने छात्र नेताओं को स्टेशन से हटाया। हंगामे के दौरान छात्रों और पुलिस के बीच तीखी झड़प के बाद मारपीट हो गई। घटनाक्रम पर पुलिस के जवानों ने आरोप लगाया है कि बंद समर्थक छात्रों ने पुलिस से हथियार छीनने की कोशिश की। इसके बाद पुलिस ने एआईएसएफ के राज्य सचिव सुशील सहित दो अन्य लोगों को गिरफ्तार किया है। वहीं पटना के डाकबंगला चौराहे पर ट्रेड यूनियनों के प्रदर्शन के कारण पूरा चौराहा जाम रहा, महिला पुलिस और प्रदर्शनकारियों में तीखी झड़प भी हुई। वहीं आशा कार्यकर्ताओं ने बंद के समर्थन में मार्च निकाल सरकार की नीतियों का पूरजोर विरोध किया।
बिहार में प्रदर्शनकारी सड़क पर उतर विरोध दर्ज कराया
उधर बिहार के विभिन्न जिलों में भी प्रदर्शनकारी सड़क पर उतर विरोध दर्ज कराया। समस्तीपुर में देशव्यापी बंद को लेकर प्रदर्शनकारी सड़क पर उतर दरभंगा-पटना मार्ग को ओवरब्रिज के पास जाम कर दिया। बाढ़ में भारत बंद को लेकर सड़क पर उतरे वामपंथी एवं विभिन्न संगठनों के आह्वान पर आयोजित आंदोलन को लेकर जुलूस निकला। वामपंथियों ने बाढ़ स्टेशन से प्रखंड कार्यालय तक पैदल मार्च कर विरोध जताया। कटिहार के शहीद चौक को प्रदर्शनकारियों ने जाम किया। ट्रेड यूनियनों के भारत बंद का असर गया में भी दिखा। विभिन्न संगठनों ने बंद को अपना समर्थन देते हुए शहर को बंद कराया, बैंकों के कार्यालय के सामने जमकर नारेबाजी की। वहीं जहानाबाद में भारत बंद का असर दिखा। मजदूरों ने एनएच-83 और एनएच-110 को जाम कर सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। बेगूसराय में ट्रेड यूनियन हड़ताल समर्थकों ने बस स्टैंड के पास एनएच 31 को जाम कर प्रदर्शन किया। पटना जंक्शन पर कई संघों ने केंद्र सरकार की नीतियों का विरोध किया। वहीं मोतिहारी में भी ट्रेड यूनियनों के भारत बंद का असर दिखा, शहर की सड़कें विरान दिखी। जबकि सीतामढ़ी में बंद का कोई खास असर नहीं दिखा। बंद का बैंकिंग-ट्रांसपोर्ट से लेकर परीक्षाओं पर असर पड़ा। खगड़िया में वामदलों ने एनएच-31 जाम कर केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। यहां शहर के बाजार-बैंक बंद रहे। दरभंगा में आंदोलनकारियों ने पैसेंजर ट्रेन को रोककर नारेबाजी की। मुजफ्फरपुर में भी भारत बंद का असर नजर आया, सभी मुख्य रास्ते और एनएच सुनसान दिखें और व्यवसायिक वाहनों का परिचालन नहीं हुआ।
आरा में देशव्यापी हड़ताल को लेकर सुबह सुबह ही भाकपा-माले कार्यकर्ता सड़क पर उतर आए और शहर के पटेल बस पड़ाव के समीप आरा-पटना राजमार्ग को जाम कर विरोध प्रदर्शन किया, जिसके कारण परिचालन अवरूद्ध रहा।

वामदलों ने कहा- ऐतिहासिक रहा बंद
भाकपा माले के राज्य सचिव कुणाल ने बताया कि केंद्र की मोदी सरकार की किसान-मजदूर और जनविरोधी नीतियों के खिलाफ बुधवार को ऐतिहासिक बंद रहा। वाम दलों के तमाम नेता एवं कार्यकर्ता बंद को सफल बनाने के लिए सड़क पर उतरे। राज्य में बंद को सफल बनाने के लिए हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा और राष्ट्रीय लोक समता पार्टी समेत अन्य दलों ने भी समर्थन किया। इधर माकपा के राज्य सचिव अवधेश कुमार ने बताया कि यह बंद देश के किसानों, मजदूरों, बेरोजगारों, नौजवानों और दमित-अभिवंचित लोगों का था। भाकपा के राज्य सचिव सत्यनारायण सिंह के मुताबिक बंद को सफल बनाने के लिए वामपंथी दलों के तमाम नेता और कार्यकर्ता सभी प्रखंड एवं जिला मुख्यालय में जुलूस निकाला।

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