भाजपाई मंत्री रामसूरत राय को लेकर विधानमंडल में भाजपा पड़ी अकेले, सत्र के दौरान तेजस्वी ने किया राजभवन मार्च जबकि प्रावधान नहीं
पटना। भाजपाई मंत्री रामसूरत राय को लेकर विधानमंडल में शनिवार को सत्तारूढ़ दल भाजपा अकेला पड़ गई। सत्र चलने के दौरान विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव पूरी टोली के साथ राजभवन तक मार्च किया। जबकि सत्र के दौरान राजभवन मार्च करने का प्रावधान नहीं होता है। इस दौरान शराबबंदी फेल है, नीतीश कुमार का खेल है, नीतीश कुमार हाय-हाय, आरोपी मंत्री को गिरफ्तार करना होगा। राजभवन का कैम्पस विपक्षी विधायकों के नारों से 20 मिनट तक गूंजता रहा। मंत्री राम सूरत राय के स्कूल कैम्पस से शराब की बोतलें बरामद होने का आरोप लगाकर तेजस्वी लगातार नीतीश सरकार पर हमलावर दिखे। इस दौरान भाजपाई मंत्री रामसूरत राय को लेकर जदयू का भाजपा को साथ नहीं मिलना राजनीतिक गलियारे में चर्चा का विषय बनी हुई है। तेजस्वी विपक्षी विधायकों के साथ राज्यपाल फागू चौहान के पास रामसूरत राय की बर्खास्तगी की मांग की है।
नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने राज्यपाल को ज्ञापन सौंपा है, जिसमें मांग की कि गैर संविधानिक कार्य करने वाली सरकार को बर्खास्त किया जाए। ज्ञापन में कहा गया कि सदन में सरकार के मंत्री आसन को निदेशित करते हैं। सवालों का सही से जवाब नहीं देते, लोकहित के मुद्दों को सदन में उठाने नहीं देते, ऐसी सरकार को बर्खास्त किया जाए। इससे पहले शराब मामले में विपक्ष ने विधानसभा में जबर्दस्त हंगामा किया। विपक्ष के हंगामे की वजह से 2 बजे तक के लिए सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी गई। इसके बाद विपक्ष के विधायक विधानसभाध्यक्ष विजय सिन्हा के चैम्बर के सामने हंगामा करते हुए मंत्री राम सूरत राय की बर्खास्तगी की मांग करने लगे। इस दौरान भाजपा पूरी तरह अकेली नजर आई। जदयू ने भाजपा का साथ नहीं दिया। सदन में सत्ता को कमजोर पड़ता देख विपक्षी दलों ने ताकत झोंक दी। धरना और नारेबाजी के बाद नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के साथ विपक्ष के विधायक राजभवन की ओर निकल गए।
सत्र चलने के दौरान राजभवन मार्च का प्रावधान नहीं
सत्र चलने के दौरान राजभवन मार्च का प्रावधान नहीं होता है। शनिवार को जब तेजस्वी विपक्षी विधायकों और अपने समर्थकों के साथ राजभवन जा रहे थे तो उन्हें रोका नहीं गया, बल्कि राजभवन और सीएम हाउस के बाहर सुरक्षा कड़ी कर दी गई। सिटी एसपी सेंट्रल विनय तिवारी, सचिवालय, लाइन और ट्रैफिक डीएसपी, सचिवालय और शास्त्रीनगर थाना की पुलिस सिर्फ सबकुछ देखती रही।