नुक्कड़ नाटक : बढ़ने लगी ठंड व कोरोना, ऊनी कपड़े व मास्क लगाकर ही निकलें बाहर

फुलवारी शरीफ। र्सवमंगला सांस्कृतिक मंच के सप्ताहिक नुक्कड़ नाटक की श्रृंखला में महेश चौधरी के द्वारा लिखित एवं निर्देशित नुक्कड़ नाटक “ठंडे के मौसम में लापरवाही है जानलेवा” की प्रस्तुति वाल्मी स्थित आशीष मार्केट में की गई। नाटक की शुरूआत सौरभ राज के स्वरबद्ध गीत- ‘ठंडे ठंडे मौसम में गर्म पानी से नहाना चाहिए, अभी भी कोरोना का डर है भाई फेस में मास्क लगाकर ही बाहर निकलना चाहिए…..’ से की गई।
बढ़ते ठंड को लेकर लोगों को किया गया जागरूक
नाटक के माध्यम से यह बताया गया कि ज्यादा ठंड के कारण बीपी, सुगर से पीड़ित मरीजों एवं बुजुर्गों को हार्ट अटैक और ब्रेन हेमरेज होने की संभावनाएं बढ़ जाती है। ऐसे में ब्लड प्रेशर बढ़ने से खून की धमनियां सिकुड़ जाती है और शरीर के महत्वपूर्ण अंगों को खून की सप्लाई नहीं हो पाती है, जिसके कारण हार्ट अटैक और ब्रेन हेमरेज की घटनाएं होती हैं। दूसरा कारण स्नान करने के गलत तरीके से भी ब्रेन हेमरेज हो सकता है इसलिए स्नान करते वक्त यह ध्यान रखना चाहिए कि सबसे पहले सिर पर पानी नहीं डालें, शरीर का तापमान सामान्य बनाए रखने के लिए घर से बाहर निकलते समय ऊनी एवं गर्म कपड़े पहन कर ही बाहर निकले। देर रात तक बच्चों और बुजुर्गों को खुले में नहीं रहने दे। मॉर्निंग वॉक पर धूप निकलने के बाद ही जाएं, गुनगुना पानी पीएं और गुनगुना पानी से ही नहाएं। सर्दी के मौसम में प्रदूषण और ठंड से सर्दी-खांसी और बुखार से कोरोना का खतरा बढ़ सकता है इसलिए सावधानी बरतनी चाहिए तथा शरीर में गर्मी प्रदान करने वाले खाद्य पदार्थ की मात्रा बढ़ा देनी चाहिए। लहसुन, अदरक, मेथी, गुड़, मधु, आंवला, पालक, सरसों का साग, गाजर, कच्चा हल्दी, पत्तेदार सब्जियां और तुलसी अदरक का काढा का सेवन करने से शरीर में गर्मी मिलने के साथ-साथ रोग प्रतिरोधक क्षमता का भी विकास होता है।
नाटक के कलाकार: महेश चौधरी, मोनिका, सौरभ राज,अमन,प्रमोद, करण, धैर्य, कुणाल, प्रकाशमणि, कामेश्वर प्रसाद थे।

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