बिहार सरकार के कानों तक नहीं पहुंच रही भूखे और बेबस लोगों की आवाज : राकांपा

पटना। कोरोना महामारी की वजह से लगे राष्ट्रव्यापी लॉक डाउन में गरीब व असहाय लोगों की हालत अब देखी नहीं जाती। वहीं बिहार सरकार के कानों तक उन भूखे और बेबस लोगों के बच्चे की रोने की आवाज तक नहीं पहुंच रही, इससे बड़ा दुर्भाग्य की क्या बात होगी। यह कहना है राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के वरीय नेता राणा रणवीर सिंह का। श्री सिंह ने कहा, लॉक डाउन के कारण सबसे अधिक परेशान वे लोग हैं, जो रोज कमाते और खाते हैं, लेकिन पिछले एक सप्ताह से इनके घरों में चूल्हे तक नहीं जले हैं। छोटे-छोटे बच्चे भूख से तड़प रहे हैं। लेकिन बिहार सरकार के कानों तक उन भूखे और बेबस लोगों के बच्चे की रोने की आवाज अभी तक नहीं पहुंची है, जिससे यही समझा जा सकता है कि बिहार सरकार गरीबों के प्रति कितनी संवेदनहीन हो गई है। उन्होंने कहा कि आपदा की घड़ी में एक तरफ सरकार दावा कर रही है कि बिहार में कोई भूखा नहीं है लेकिन सच्चाई यह है कि सैकड़ों झोपड़ियों में कई दिनों से चूल्हा तक नहीं जला है। कई परिवार तो इस आस में बैठे रहते हैं कि कोई आएगा और हमारे भूख को मिटाएगा। श्री राणा ने कहा कि अगर सरकार के भरोसे जनता रही तो कोरोना महामारी से कम, भूख से ज्यादा जाने जायेंगी। उन्होंने समाज के समृद्ध जनों से अपील किया कि जरूरतमंदों की सेवा करने के लिए आगे आइए। बता दें श्री राणा 27 मार्च से ही गरीब एवं असहाय लोगों को राहत सामग्री बांटने का काम कर रहे हैं। अभी तक उन्होंने करीब सात हजार घरों में भोजन सामग्री देकर गरीबों के दु:ख को थोड़ा सा कम करने की कोशिश की है। उनका सहयोग रौशन कुमार, बिट्टू कुमार, विजय पासवान, रितेश कुमार, मुकुल कुमार, सोनू कुमार सहित अनेक लोग कर रहे हैं। बुधवार को राशन वितरण पटना के कुर्जी बालूपर किया गया।

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