बिहार सरकार की जबरन सेवानिवृत्ति कराने संबंधित नीति पर विपक्ष नहीं बैठेगा चुप : कांग्रेस

पटना। बिहार के नीतीश सरकार के द्वारा 50 वर्ष पार कर चुके सरकारी कर्मियों के जबरन सेवानिवृत्ति कराने संबंधित नीति की प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता राजेश राठौर ने कड़ी निंदा की है। कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि प्रदेश सरकार की यह नीति बेरोजगारी को बढ़ावा देगी। वहीं इस बात का खतरा भी है कि अपने कर्तव्य के प्रति अच्छी तरीके से जिम्मेदारी का निर्वहन कर रहे सरकारी कर्मियों को सत्ता के इशारे पर जबरन सेवानिवृत्त किया जा सकता है। उन्होंने नीतीश सरकार के इस नीति पर कटाक्ष करते हुए कहा कि बिहार सरकार के इस बेरोजगारी बढ़ाओ नीति के तहत पहली नौकरी तो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रदेश के बिगड़े विधि व्यवस्था, अराजक माहौल, बेतहाशा बढ़े भ्रष्टाचार को देखते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को सर्वप्रथम अपने कार्यदक्षता की समीक्षा करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि सीएम नीतीश कुमार को अपनी कार्यदक्षता की समीक्षा कर सबसे पहले खुद त्यागपत्र देना चाहिए। जिससे उनके बनाए गए इस नई नीति को समझने में आम जनता को आसानी हो।
कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि एक तरफ रोजगार देने का वादा कर सत्ता में पहुंची एनडीए सरकार अब बेरोजगारी बढ़ाने की दिशा में इस कदर कदम उठा चुकी है कि सरकारी पदों में बैठे लोगों को नई नीतियां बनाकर हटाने का प्रयास कर रही है। राजेश राठौड़ ने कहा कि बिहार सरकार की इस नीति की सर्वत्र आलोचना हो रही है। बिहार पुलिस मेंस एसोसिएशन तथा बिहार अभियंता संघ के द्वारा इस नीति के खिलाफ अभियान छेड़ दिया गया है। कर्तव्यपरायण सरकारी कर्मी राज्य सरकार की इस नीति को कतई स्वीकार नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि विपक्ष भी इस मुद्दे पर चुप नहीं बैठने वाला है।

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