बिहार में बाढ़ से तबाही: 10 नदियां फिर लाल निशान के पार, मुजफ्फरपुर में रिंग बांध टूटा, मोतिहारी में एनएच क्षतिग्रस्त

पटना। बिहार की नदियां बाढ़ से तबाही मचाने को आतुर है। उत्तर बिहार में बाढ़ से तबाही अब भी घटी नहीं है। लोग सुरक्षित स्थानों पर शरण लिए हुए हैं। रविवार को लालबकेया नदी अपनी सीमा में आ गई थी लेकिन सोमवार को फिर यह नदी पूर्वी चंपारण में लाल निशान से ऊपर बहने लगी। इसके अलावा बूढ़ी गंडक और कमला बलान के जलस्तर में भी वृद्धि हुई है। सोमवार को कोसी और गंडक मिलाकर दस नदियां लाल निशान से ऊपर बह रही हैं। लालबकेया के कारण पूर्वी चंपारण के कुछ नये क्षेत्र में भी बाढ़ के पानी का प्रवेश हो गया है। चंपारण व दरभंगा के बाढ़ पीड़ितों के बीच सोमवार को भी एयर ड्रॉपिंग से सूखे भोजन के पैकेट पहुंचाये गये हैं।
मुजफ्फरपुर: बंदरा प्रखंड में बूढ़ी गंडक का रिंग बांध दोपहर करीब ढ़ाई बजे 30 फीट में टूट गया। एक घंटे में ही टूट का दायरा करीब 150 फीट हो गया। रिंग बांध के टूटने से मुख्य बांध के अंदर करीब दो सौ परिवारों को अपने घर से निकलना पड़ा। इन लोगों ने बड़गांव बांध पर शरण ले रखी है। मुखिया शंभू साह ने बताया कि बाढ़ के पानी में करीब दो सौ लोग बुरी तरह घिर गए हैं। उन्हें निकालने के लिए मोटरवोट की मांग प्रशासन से की गई है। वहीं औराई, कटरा, गायघाट, मीनापुर, पारू, सरैया व साहेबगंज सहित जिले के 11 प्रखंड अबतक बाढ़ की चपेट में आ चुके हैं।
मोतिहारी: छपवा-रक्सौल एनएच छपवा में बाढ़ के पानी से बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया है। जिला प्रशासन ने इस एनएच पर सामान्य परिचालन को प्रतिबंधित कर दिया है। 29 जुलाई तक जिला प्रशासन ने सामान्य यातायात को बंद कर दिया है। इधर, गंडक में वाल्मीकिनगर बराज से करीब ढाई लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने के कारण स्थिति और खराब हुई है। हालांकि चटिया में गंडक व लालबकेया में बूढ़ी गंडक के जलस्तर में गिरावट दर्ज की गई है। बेतिया के अधिकांश जगहों से बाढ़ का पानी निकलने लगा है। मझौलिया में तीन जगह से जमींदारी बांध टूटने के कारण पानी का फैलाव तेजी से हो रहा है।
दरभंगा: कमला व जीवछ नदी के जलस्तर में बढ़ोतरी के साथ ही नए इलाकों में बाढ़ का पानी फैलने लगा है। केवटी व हनुमान नगर प्रखंड में बाढ़ की स्थिति पिछले दो दिनों में और गंभीर हुई है। जबकि दरभंगा जयनगर एनएच 527 बी व दरभंगा समस्तीपुर एनएच पर भी बाढ़ का पानी चढ़ा हुआ है। हालांकि यहां आवागमन को अभी रोका नहीं गया है। हेलीकॉप्टर से जिले के हनुमाननगर, किरतपुर, सिंहवाड़ा व कुशेश्वर स्थान में सूखा राशन गिराया गया है।
सीतामढ़ी: बागमती अब भी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। यहां अधवारा समूह की नदी का जलस्तर भी सुंदरपुर व पुपरी में खतरे के निशान से ऊपर है। बड़ी संख्या में लोग ऊंचे स्थलों पर आ गये है।

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