बिहार : दो चरणों के करीब चार लाख से अधिक घरों की होगी स्कैनिंग, 2700 टीम लगाए गए

पटना। कोरोना पर जीत हासिल करने के लिए इस महामारी की चपेट में आए इलाकों में राज्य सरकार ने पल्स पोलियो अभियान की तरह डोर टू डोर स्कैनिंग अभियान शुरू कर दिया है। पहले चरण में राज्य के कोरोना के हॉट स्पॉट बनकर उभरे चार जिले सिवान, बेगूसराय, नवादा और नालंदा में स्कैनिंग शुरू हो गई है। दूसरे चरण में पटना समेत शेष 7 जिलों में यह काम होगा। दो चरणों के अभियान में करीब चार लाख से अधिक घरों की स्कैनिंग की जाएगी। इस काम में कुल 2700 लोगों को कई टीमों में लगाया गया है। जो घर-घर जाकर जानकारी ले रहे हैं।
प्रिंटेड फॉर्म में घर के मुखिया देंगे जानकारी
कोरोना मरीजों की पहचान के लिए शुरू किए गए इस अभियान के तहत पारामेडिक्स स्टाफ, नगर पालिका और पुलिस की टीम गुरुवार से घर-घर जा जा रही है। घर के मुखिया को एक प्रिंटेड फॉर्म दिया जा रहा है। इसमें परिवार के मुखिया को लिखित जानकारी देनी है कि उनके घर में कितने सदस्य हैं। कोई सदस्य पिछले एक महीने में विदेश से या कहीं अन्य जगह से तो नहीं आया है। घर के किसी सदस्य को सर्दी, खांसी, बुखार या सांस लेने में समस्या तो नहीं। परिवार के सदस्यों की आयु कितनी है। गांव, मोहल्ला, थाना जैसी जानकारी भी शामिल की गई हैं। इसके साथ फॉर्म में एक कॉलम में कहा गया है कि यदि परिवार के किसी सदस्य को ऊपर दी गई कोई बीमारी होती है तो परिवार के सदस्य यह जानकारी जिले के सिविल सर्जन नियंत्रण कक्ष और जिला नियंत्रण कक्ष को तत्काल देंगे। फॉर्म में जिला का फोन नंबर दिया हुआ है।
स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव संजय कुमार ने कहा कि कोरोना संक्रमण के फैलाव को रोकने और इसे पूरी तरह समाप्त करने के लिए यह अभियान शुरू किया गया है। राज्य के लोगों का दायित्व है कि वे सरकार को मदद करें, ताकि कोरोना महामारी को जड़ से समाप्त किया जा सके।

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