पारस हॉस्पिटल में किडनी ट्रांसप्लांट करा चुके कुछ मरीज और डोनर किए गए सम्मानित

पटना। पारस एचएमआरआई सुपर स्पेशिलिटी हॉस्पिटल में विश्व किडनी दिवस की पूर्व संध्या पर बुधवार को पारस इंस्टीच्यूट आफ यूरोलॉजी, नेफ्रोलॉजी तथा किडनी ट्रांसप्लांट की ओर से कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम में लोगों को किडनी के प्रति जागरूक रहने की सलाह दी गयी। इस मौके पर कुछ किडनी ट्रांसप्लांट करा चुके मरीजों तथा उनके डोनरों को सम्मानित किया गया। कार्यक्रम के बाद आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में इंस्टीच्यूट आफ यूरोलॉजी, नेफ्रोलॉजी तथा ट्रांसप्लांट के डायरेक्टर डॉ. अजय कुमार ने कहा कि अभी तक पारस हॉस्पिटल में 38 किडनी ट्रांसप्लांट किये जा चुके हैं। कोरोना काल में भी 7 किडनी ट्रांसप्लांट किये गये। किडनी ट्रांसप्लांट करा चुके सभी मरीज स्वस्थ हैं। इन सभी लोगों को पारस हॉस्पिटल की तरफ से सम्मानित किया गया। उन्होंने कहा कि पारस हॉस्पिटल में जटिल से जटिल ट्रांसप्लांट किया जाता है। यहां डायलिसिस की सुविधा भी काफी बढ़ाई गई है। लोगों में किडनी के प्रति जागरूकता लाने के लिए हमारी टीम के डॉक्टर जगह-जगह पर प्रोग्राम देते हैं।
उन्होंने कहा कि एक महिला ने अपनी शादी की सालगिरह पर पति को किडनी देकर जान बचाई, उसे भी सम्मानित किया गया। 14 साल के एक बच्चे को किडनी ट्रांसप्लांट के जरिये नया जीवनदान दिया गया, जिसका इलाज पूर्व में कोलकाता में चल रहा था। नौ साल की उम्र से डायलिसिस पर चल रहे इस बच्चे को प्रत्यारोपण की सख्त आवश्कता थी। इस केस में डोनर का पेशेंट से रक्त संबंध नहीं है वह भावनात्मक रूप से पशेंट से जुड़ा है। एक महिला ने दूसरी महिला के पति को अपनी किडनी दी, वहीं दूसरी महिला ने अपनी किडनी पहली महिला के पुत्र को दिया। चूंकि पहली महिला की किडनी उसके पुत्र को मैच नहीं कर रहा था और दूसरी महिला की किडनी उसके पति को मैच नहीं कर रहा था। इसलिए किडनी की अदला-बदली कर (स्वॉप ट्रांसप्लांट) ट्रांसप्लांट कराया गया।

About Post Author

You may have missed