देश में 24 घंटे में कोरोना के 386 नये मामले आये सामने, मरकज रही प्रमुख वजह : स्वास्थ्य मंत्रालय

CENTRAL DESK : निजामुद्दीन मरकज की घटना ने केंद्र व राज्य सरकार की चिंता बढ़ा दी है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने देश में पिछले 24 घंटों के दौरान कोरोना संक्रमण के 386 नये मामलों की पुष्टि और तीन मरीजों की मौत होने की जानकारी दी है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने माना कि इस बढ़ोतरी में निजामुद्दीन मरकज की घटना प्रमुख वजह रही। हालांकि यह वृद्धि राष्ट्रीय स्तर पर संक्रमण के फैलने की दर को नहीं दर्शाती है।
उल्लेखनीय है कि दिल्ली स्थित निजामुद्दीन इलाके में 1 से 15 मार्च तक हुये तबलीगी जमात के एक आयोजन में हिस्से लेने वालों में कोरोना के संक्रमण के कई मामले सोमवार और मंगलवार को सामने आये थे। स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने नियमित संवाददाता सम्मेलन में बताया कि देश में कोरोना वायरस के संक्रमण के कुल 1637 मामले हो गये हैं। जबकि संक्रमण से पीड़ित मरीजों की मौत का आंकड़ा 38 तक पहुंच गया है। उन्होंने बताया कि अकेले दिल्ली में पिछले 24 घंटों के दौरान 18 मामलों में कोरोना के संक्रमण की पुष्टि हुयी है, जबकि तमिलनाडु में 65 नये मामले सामने आये हैं। अग्रवाल ने संक्रमण के मामले रोकने के लिये लॉकडाउन का पालन सुनिश्चित करने को ही एकमात्र उपाय बताते हुये कहा कि इसकी रोकथाम के लिये सरकार हरसंभव प्रयास कर रही है।
उन्होंने बताया कि कैबिनेट सचिव की अध्यक्षता में बुधवार को सभी राज्यों के मुख्य सचिवों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये बैठक में राज्यों के स्तर पर संक्रमण को रोकने के लिये किये जा रहे प्रयासों एवं लॉकडाउन का पालन सुनिश्चित करने के उपायों की समीक्षा की गयी। उन्होंने बताया कि बैठक में प्रवासी मजदूरों को संक्रमण के खतरे से बचाने के लिये पृथक रखने और उनकी सहायता के लिये शुरू किये गये कार्यों को पूरा करने के प्रयासों की भी समीक्षा की गयी। संवाददाता सम्मेलन में भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के रमन आर गंगाखेड़कर ने बताया कि देश भर में कार्यरत आईसीएमआर की प्रयोगशालाओं में पिछले 24 घंटों में 4562 नमूनों की जांच की गई। गंगाखेड़कर ने कहा कि इसके साथ ही देश में जांच का स्तर कुल क्षमता का 38 प्रतिशत हो गया है। उन्होंने बताया कि आईसीएमआर की कार्यरत प्रयोगशालाओं की संख्या भी बुधवार को बढ़कर 126 हो गयी है। उन्होंने बताया कि आईसीएमआर द्वारा मान्यता प्राप्त निजी प्रयोगशालाओं की संख्या भी 49 से बढ़कर 51 हो गयी है।

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