जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल का तीसरा दिन : इलाज को तड़प रहे मरीज, PMCH में बाहरी डॉक्टरों को लगाने की तैयारी

पटना। स्टाइपेंड बढ़ाने की मांग को लेकर जूनियर डॉक्टरों की बेमियादी हड़ताल का शुक्रवार को तीसरा दिन है। जूनियर डॉक्टरों को जब उनकी मांग पूरी होती नहीं दिख रही है तो अब वे उग्र रूख अख्तियार करने लगे हैं। आज मरीजों की परेशानी को एक रिपोर्टर द्वारा कैमरे में कैद करना इतना नागवार गुजरा कि गार्डों ने उक्त रिपोर्टर को पीट डाला। वहीं सरकार से अब तक कोई वार्ता नहीं होने के कारण हड़ताल का सीधा असर मरीजों पर पड़ रहा है। जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल से मेडिकल कॉलेजों में व्यवस्था प्रभावित हुई है। इधर, पीएमसीएच में बाहरी डॉक्टरों को लगाने की तैयारी चल है। सिविल सर्जन का कहना है कि अगर मेडिकल कॉलेज मांग करता है तो डॉक्टरों की व्यवस्था की जाएगी। वहीं केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री अश्विनी चौबे का कहना है डॉक्टरों की मांग जायज है। डॉक्टरों के साथ बिहार सरकार से भी अपील की है कि मामले का शीघ्र निपटारा कर लिया जाए।


पटना मेडिकल कॉलेज में मरीजों की भीड़ के बीच सुबह से ही डॉक्टरों की नारेबाजी जारी रही। वे तीसरे दिन भी काम से दूर रहे, जिस कारण पीएमसीएच की स्वास्थ्य व्यवस्था चरमरा गई है। तीन दिनों से डॉक्टर मरीज को देखने नहीं आ रहे हैं। जान बचाने के लिए परिजन मरीज को लेकर प्राइवेट अस्पतालों में भर्ती करा रहे हैं। पीएमसीएच की मुख्य इमरजेंसी में सामान्य दिनों में जमीन पर पांव रखने की भी जगह नहीं होती थी, वहीं हड़ताल के कारण आज यहां मात्र 50 मरीज ही भर्ती हैं, उन्हें भी देखने वाला कोई नहीं है। वहीं हड़ताल के कारण मरीजों की परेशानी उजागर करने पर पीएमसीएच के टाटा वार्ड में एक रिपोर्टर को गार्डों ने पीट दिया। उसका कसूर सिर्फ इतना था कि वह मरीजों की परेशानी को कैमरे में कैद कर रहा था।
बहरहाल, अगर सरकार की तरफ से जल्द कोई पहल नहीं हुई तो मरीजों को इलाज के लिए लंबा इंतजार करना पड़ सकता है। लगातार तीन दिनों से ओपीडी में रजिस्ट्रेशन नहीं हो रहा है। शुक्रवार को क्रिसमस की छुट्टी होने के कारण ओपीडी बंद रही, अगर कोई पहल नहीं हुई तो शनिवार को हड़ताल और रविवार को अवकाश के कारण ओपीडी बंद रहेगी। ऐसे में मरीजों को इलाज के लिए काफी परेशानी उठानी पड़ेगी और गंभीर स्थिति में निजी अस्पतालों की ओर रूख करना पड़ेगा।
अधीक्षक बोले- की गई मांग, सीएस बोली- नहीं मिली मांग पत्र
हड़ताल से निपटने के बाबत पीएमसीएच के अधीक्षक डॉक्टर बिमल कारक ने कहा कि हड़ताल का असर व्यवस्था पर नहीं पड़े, इसके लिए बाहर से 50 डॉक्टर की मांग की गई है। उनका कहना है कि सिविल सर्जन से इसके लिए डिमांड की गई है। वहीं दूसरी ओर सिविल सर्जन डॉ. विभा कुमारी का कहना है कि उन्हें किसी भी मेडिकल कॉलेज से कोई मांग पत्र नहीं मिला है। अगर मांग की जाती है तो डॉक्टर की व्यवस्था की जाएगी।

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