जयपुर से 12 सौ बिहारी यात्रियों को लेकर पटना पहुंची पहली स्पेशल ट्रेन, स्कैनिंग के बाद बस से भेजी जा रही यात्रियों को

फुलवारी शरीफ/खगौल (अजित)। लॉक डाउन में देश के विभिन्न राज्यों में फंसे बिहारी छात्रों और कामगारों को लेकर आ रही लॉकडाउन के बीच पहली कोई ट्रेन बिहार की राजधानी पटना के दानापुर रेलवे स्टेशन पहुंच गयी है। पटना डीएम कुमार रवि और एसएसपी उपेन्द्र शर्मा के साथ भारी फोर्स और 50 आर्मी के जवानों की मुस्तैदी के बीच सभी यात्रियों को मेडिकल की टीम स्कैनिंग करके उन्हें उनके गंतव्य स्थानों तक जाने वाली बसों में बैठाने में लगी है। सबसे पहले बाहर से आये बिहारी यात्रियों के सोशल डिस्टेंस के साथ ही स्टेशन पर उतरने और बाहर निकलने के लिए एक विशेष टीम लगी रही। वहीं बार-बार सभी यात्रियों को आराम से अपनी बारी का इंतजार करके ही ट्रेन से उतरने की उद्घोषणा की जा रही थी। जयपुर से बिहारियों को लेकर चली यह ट्रेन आज दोपहर पौने एक बजे आने वाली थी, जो बाद में दो बजे पहुंची। लॉक डाउन में बाहर फंसे यात्रियों और कामगारों के दानापुर स्टेशन पहुंचते ही प्रशासनिक महकमे के लोग हरकत में आ गये और ट्रेन के सभी यात्रियों को बारी-बारी से जांच के लिए ले जाया गया। वहीं स्टेशन पर स्वास्थ्य विभाग की टीम स्कैनिंग करने के बाद उन्हें उनकी बसों में जाने का इशारा कर रही थी। स्टेशन के बाहर लगभग एक सौ बसों का इंतजाम किया गया था। पटना के जिलाधिकारी कुमार रवि ने बताया कि जितने लोग ट्रेन से आये हैं, उन्हें स्कैनिंग के बाद बाहर खड़े उनके इलाके में जाने वाली बसों के जरिये उनके भेजा जा रहा है। वहां जाने के बाद उन्हें वहां बनाए गये जांच केन्द्रों पर ले जाकर इनकी जांच की जाएगी। इनके जांच के बाद ही रिपोर्ट के अनुसार उन्हें घर जाने की इजाजत मिलेगी।
बता दें जिन इलाके में जो यात्री जा रहे हैं, उन्हें वहां सरकारी स्तर पर प्रखंड स्तरीय क्वारंटाइन सेंटरों में रखा जायेगा। जयपुर से पटना के दानापुर स्टेशन पहुंचने वाली लगभग 24 डिब्बों वाली इस ट्रेन में तकरीबन 1200 यात्री सवार थे। इसे लेकर रेलवे के अधिकारियों से लेकर कर्मचारियों के अलावे सेना को भी लगाया गया है। इसका मॉनिटरिंग पटना के जिलाधिकारी कुमार रवि कर रहे हैं। जिलाधिकारी ठीक ही 11 बजे दानापुर जंक्शन पहुंचे और अधिकारियों व कर्मचारियों को कई दिशा निर्देश दिए। जिलाधिकारी ने बताया कि अभी एक ट्रेन जयपुर से चलकर पटना पहुंचने वाली है। इसके बाद अगर जरूरत पड़ी तो और भी ट्रेन छात्रों और मजदूरों को लाने के लिए लगाया जा सकता है।

About Post Author

You may have missed