जदयू विधायक गोपाल मंडल के बयान पर बिफरे भाजपा नेता, जताया कड़ा एतराज

पटना। बिहार के भागलपुर में जदयू नेता सह विधायक गोपाल मंडल के भाषण के वायरल हो रहे वीडियो पर बवाल मच गया है। गोपाल मंडल के बयान पर जहां जदूय ने चुप्पी साध रखी है, वहीं भाजपा नेता कड़ी प्रतिक्रिया जता रहे हैं। भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता डा. निखिल आनंद ने जदयू विधायक के बयान पर कड़ा एतराज जताते हुए कहा कि अपने वायरल भाषण में जिस तरह की जातिवादी कुंठा की अभिव्यक्ति उन्होंने की है, उसको नैतिक तौर पर कतई सही नहीं ठहरा सकते हैं। उन्होंने कहा कि इस तरह का बयान गलत है जो सामाजिक भेदभाव पैदा करते हैं। सामाजिक न्याय के नाम पर जातिवादी भावना और सामाजिक भेदभाव पैदा करने वाली बातें राजनीति में स्वीकार्य नहीं होना चाहिए।
इसके पहले भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष और विधायक मिथिलेश तिवारी ने गोपाल मंडल के मानसिक संतुलन पर सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि यदि मानसिक संतुलन ठीक होता तो वह अपने आलाकमान पर सवाल नहीं उठाते। उन्होंने कहा कि ऐसे ही लोग राजनीति करने वालों को बदनाम करते हैं। ब्राह्मण की परिभाषा दिए जाने को लेकर उन्होंने कहा कि शायद गोपाल मंडल की भेंट ब्राह्मणों से नहीं हुई है। ऐसे ही लोग राजनीति करने वालों को बदनाम करते हैं।
क्या कहा था विधायक गोपाल मंडल ने
वायरल वीडियो में भागलपुर की गोपालपुर सीट से विधायक गोपाल मंडल ने दावा कर दिया है कि पिछले विधानसभा चुनाव में भागलपुर से भाजपा के प्रत्याशी रहे रोहित पांडेय उन्हीं की वजह से चुनाव हार गए। गोपाल मंडल ने रोहित पांडेय पर घमंडी होने का आरोप लगाया और कहा कि आलाकमान की गलती की वजह से इस सीट से भाजपा को हाथ धोना पड़ा। विधायक यहीं नहीं रुके। भाजपा प्रत्याशी पर तंज कसते हुए आगे कहा कि भला ये कोई ब्राह्मण होता है? नाटा, काला, इतना बड़ा टीक और मुंह में बोल नहीं। कोई कमाल भी नहीं। उन्होंने कहा कि चुनाव प्रचार के मंच से रोहित ने उन्हें नमस्कार तक नहीं किया था। शायद उन्हें लगा होगा कि प्रधानमंत्री के आने से वे जीत जाएंगे, लेकिन जीत गए क्या? मेरे कारण उनकी हार हुई। गोपाल मंडल ने विधायक होने के लिए जरूरी योग्यताओं का वर्णन भी अपने ही अंदाज में कर दिया। कहा कि सांसद या विधायक होने के लिए दबंग होना जरूरी है। मसल पॉवर होना चाहिए।

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