गया में आधी रात आइसोलेशन वार्ड में घुसकर कोरोना मरीज से लिपट गया युवक, मचा हड़कंप
गया। जहां एक ओर पूरा विश्व कोरोना जैसे बिमारी से खुद को बचाने के लिए होम क्वारंटाइन हैं। भारत में लोगों की जिंदगी कमरे में सिमट कर रह गयी है। कुछ ऐसे भी लोग हैं जो बिमारी को खुद गले लगा रहे हैं। ऐसा ही मामला बिहार के गया में सामने आया है, जिससे हड़कंप मच गया है। मामला कुछ ऐसा है, जिले के अनुग्रह नारायण मगध मेडिकल कॉलेज के आइसोलेशन वार्ड में रविवार की आधी रात दो संदिग्ध युवक अचानक घुस गए। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक उसमें से एक युवक ने वार्ड में भर्ती कोरोना के एक संक्रमित मरीज को कोई दवा खिला दी और उसके गले से लिपट गया। इस दौरान वह संक्रमित मरीज से प्रत्यक्ष संपर्क में आया। हो-हल्ला के बाद एक युवक अस्पताल से फरार हो गया, जबकि दूसरा युवक पकड़ा गया। वह गया के अभय इंस्टीट्यूट आफ मेडिकल साइसेंज (एम्स) में सोनोलॉजिस्ट है, उसका नाम वीरेंद्र चौधरी है, जिसे फिलहाल क्वारंटाइन सेंटर में रखा गया है। इस बाबत अस्पताल उपाधीक्षक डॉ. प्रदीप अग्रवाल ने बताया कि घटना की जानकारी मिली है। एक युवक पकड़ा गया है, उसे क्वारंटाइन वार्ड में रखा गया है। सोमवार को घटना की विस्तृत पड़ताल में मामला सामने आएगा कि दोनों युवक किस मकसद से घुसे थे?
पकड़ा गया वीरेंद्र चौधरी के बारे में बताया जा रहा है कि वह पर्सनल प्रोटेक्शन किट (पीपीई) पहने था। इस कारण वह अस्पताल कर्मियों की तरह दिखा। वह दिन में भी कोरोना वार्ड के पास डॉक्टरों व मेडिकल कर्मियों से घुल-मिलकर बतियाते देखा गया था और उसके साथ कोई दूसरा व्यक्ति भी था। वहीं मेडिकल कॉलेज के नोडल अफसर डॉ. एनके पासवान ने भी पुष्टि करते हुए कहा, फरार हुआ युवक बोधगया का रहने वाला है। उसकी तलाश की जा रही है। वहीं वीरेंद्र चौधरी मानपुर का निवासी है। इन दोनों ने खुद को डॉक्टर बताकर आइसोलेशन वार्ड में प्रवेश किया। इसमें एक व्यक्ति कोरोना संक्रमित मरीज के समीप चला गया।
इस घटना के बाद शहर में हड़कंप मच गया है। लोग इसे शहर में कोरोना का संक्रमण फैलाने की साजिश के तौर पर देख रहे हैं। लेकिन सवाल यह है कि वीरेंद्र चौधरी को पीपीई किट आखिरकार कहां से मिला? क्या यह मगध मेडिकल कॉलेज से मिला या अभय इंस्टीट्यूट आफ मेडिकल साइसेंज से, जहां वह कार्यरत है।


