November 17, 2025

अगमकुआं से अगवा युवक 24 घंटे में बिहटा से बरामद, तीन किडनैपर्स को पुलिस ने किया गिरफ्तार

पटना। अगमकुआं क्षेत्र से अपहृत युवक हरेराम दिवाकर को पुलिस ने मात्र 24 घंटे के भीतर बिहटा से सुरक्षित बरामद कर लिया। इस दौरान पुलिस ने तीन किडनैपर्स को गिरफ्तार किया, जिनकी पहचान बेगूसराय के अमित कुमार, मनेर के मनीष राज और मुजफ्फरपुर के अविनाश कुमार के रूप में हुई। अपराधियों ने युवक के अपहरण के बाद उसके परिवार से 10 लाख रुपये की फिरौती मांगी थी। पुलिस ने इस मामले की गहन जांच करते हुए अपराधियों का ठिकाना ट्रेस किया और बिहटा में एक होटल से युवक को मुक्त कराया। घटना 26 फरवरी की देर रात की है, जब अगमकुआं स्थित हाउसिंग कॉलोनी बोर्ड निवासी हरेराम दिवाकर को अगवा कर लिया गया। इस वारदात का एक सीसीटीवी फुटेज भी सामने आया, जिससे अपराधियों की पहचान करने में पुलिस को मदद मिली। अपहरण के बाद पीड़ित की पत्नी प्रीति शर्मा ने अगमकुआं थाने में शिकायत दर्ज कराई, जिसमें आधा दर्जन लोगों के नाम दिए गए थे। पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए त्वरित कार्रवाई शुरू की। जांच के दौरान पुलिस को अपराधियों की लोकेशन बिहटा में मिली। इसके बाद थाना प्रभारी संतोष कुमार सिंह के नेतृत्व में एक टीम बनाई गई, जिसने बिहटा के एक होटल में छापेमारी कर युवक को सकुशल बरामद कर लिया। पुलिस ने बताया कि अपराधियों ने पहले हरेराम को पाटलिपुत्र इंडस्ट्रियल एरिया ले जाया, फिर वहां से बिहटा ले गए। किडनैपर्स ने पीड़ित को धमकाया कि यदि पुलिस पूछताछ करे, तो वह यह कहे कि वह प्रयागराज कुंभ मेले में गया था। पुलिस ने इस मामले में तीन अपराधियों को गिरफ्तार किया और उनके पास से तीन मोबाइल फोन तथा एक सोने का लॉकेट बरामद किया गया। पुलिस ने यह भी बताया कि अपहरण का मुख्य कारण लेन-देन से जुड़ा विवाद था। फिलहाल अन्य अपराधियों की तलाश में पुलिस की छापेमारी जारी है। इस पूरे घटनाक्रम में पुलिस की तत्परता और कुशल रणनीति ने बड़ी भूमिका निभाई। 24 घंटे के भीतर अपहरणकर्ताओं तक पहुंचकर पुलिस ने न केवल युवक को सुरक्षित बचाया, बल्कि अपराधियों को भी गिरफ्तार कर लिया। इस प्रकार की त्वरित कार्रवाई से शहर में कानून-व्यवस्था को मजबूत करने में मदद मिलेगी। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि शेष अपराधियों को भी जल्द गिरफ्तार कर लिया जाएगा। यह घटना पटना पुलिस की कार्यकुशलता का एक उदाहरण है, जिसमें अपहरण जैसी संगीन वारदात को महज 24 घंटे में सुलझा लिया गया। यह मामला दर्शाता है कि अपराधियों की साजिश चाहे जितनी भी गहरी हो, पुलिस की मुस्तैदी से वे ज्यादा समय तक बच नहीं सकते। हालांकि, यह भी स्पष्ट होता है कि शहर में अपराधी सक्रिय हैं और लोगों को सतर्क रहने की आवश्यकता है।

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