गया का युवक हनीट्रैप का शिकार : सोशल मीडिया से झांसा देकर देकर अपहरण, पुलिस ने पटना से किया बरामद

गया। बिहार के गया जिलें में हनी ट्रैप का मामला सामने आया है, जिसमें युवति पहले युवक से सोसल मीडिया के जरिए प्रेम का नाटक करती है और फिर पटना बुलाकर उसका अपहरण करवा देती है। युवक के परिवार से 50 लाख की रंगदारी मांगी जाती है,पर पैसे के लेन-देने से पहले ही पुलिस आरोपी को गिरफ्त में ले लेती है। इस मामले का खुलासा खुद गया के एसएसपी आशीष भारती ने किया है। अपहृत युवक गया जिले के बेलागंज का निवासी ऋषभ कुमार है। उसके इंस्टाग्राम अकाउंट पर एक युवति का प्यार भरा संदेश आया ,जिसके बाद दोनो के बीच करीब 15 दिनों तक आॅडियो और वीडियो कॉल के जरिए बातचीत होती रही।इस बीच जब ऋषभ का विश्वास उस युवति ने जीत लिया तो उसे मिलने के लिए उसने पटना बुलाया।पटना में ही ऋषभ की मौसी रहती है।वह पहले भी यहां आया जाया करता था।युवति के बुलाने पर वह पटना आ गया और प्यार में झांसा देकर बुलाने वाली युवति के गैंग ने ऋषभ का अपहरण कर लिया और परिवार वालों से 50 लाख रंगदारी की डिमांड की गई।उसे पटना के गर्दनीबाग इलाके के एक फ्लैट में हाथ-पैर और मुंह बांधकर रखा गया था। ऋषभ के गायब होने और रंगदारी की मांग की सूचना परिजनों ने पुलिस वालों दी जिसके बाद पुलिस की टीम जांच-पड़ताल में जुट गई।मोबाइल सर्विलांस एवं अन्य इनपुट्स के आधार पर गया और पटना पुलिस ने रेड कर ऋषभ को सकुशल बरामद कर लिया है।वहीं हनी ट्रैप में फंसाने वाली युवति के साथ ही 3 आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है।रिहाई के बाद ऋषभ के परिवार वालों ने राहत की सांस ली है।

वहीं इस मामले में पीड़ित ऋषभ कुमार ने बताया कि इंस्टाग्राम पर एक अनजान लड़की का मैसेज आया। लगातार बातचीत से दोस्ती हुई। लड़की ने कहा था कि एक बार पटना आकर मिल लो। मैं पटना गया। वहां मेरी मौसी का घर है। गर्दनीबाग में वह लड़की मिली। फिर वह अपने साथ घूमने को ले गई। इसके कुछ दिन बाद वो फिर पटना बुलाने लगी। 30 जून को उसकी जिद पर मैं गया।इस बार उसने सुनसान जगह पर मिलने बुलाया था। मुझे डर था इसलिए मैं अपने दोस्तों को भी साथ ले गया था। लड़की से मिलने के बाद दोस्त थोड़ी दूर चले गए। इसी बीच एक शख्स गमछा बांधकर पहुंचा और मुझ पर हमला कर दिया। मेरा मोबाइल छीन लिया। फिर अंधेरा हो गया।इसके बाद जब आंख खुली तो हाथ-पैर बंधे थे। मुझे बहुत मारा-पीटा गया। इस बीच मैंने एक बार भागने की भी कोशिश की, लेकिन उसने मुझे इंजेक्शन दे दिया था। इसकी वजह से मैं भाग नहीं पाया तो बहुत पिटाई की। इस बीच पुलिस आ गई और पुलिस मुझे रिहा करा लिया ।