December 17, 2025

दरभंगा में झोलाछाप डॉक्टर के कारण महिला की मौत, इंजेक्शन के बाद बिगड़ी तबीयत, आरोपी फरार

दरभंगा। बिहार के दरभंगा जिले से सामने आई एक दर्दनाक घटना ने एक बार फिर ग्रामीण स्वास्थ्य व्यवस्था की कमजोरियों को उजागर कर दिया है। इलाज के नाम पर झोलाछाप डॉक्टरों की मनमानी और प्रशासनिक लापरवाही का खामियाजा आम जनता को अपनी जान देकर चुकाना पड़ रहा है। एपीएम थाना क्षेत्र के सीरनिया वार्ड संख्या-13 में एक साधारण चोट के इलाज के दौरान महिला की मौत ने पूरे इलाके को झकझोर कर रख दिया है। यह घटना केवल एक परिवार की निजी त्रासदी नहीं है, बल्कि पूरे समाज के लिए एक चेतावनी है।
अंगूठे में लगी मामूली चोट, लगा दिए तीन इंजेक्शन
मृतका की पहचान लक्ष्मण शाह की पत्नी अनीता देवी के रूप में हुई है। परिजनों के अनुसार अनीता देवी के पैर के अंगूठे में मामूली चोट लग गई थी। चोट को गंभीर न मानते हुए परिवार उन्हें गांव में ही इलाज के लिए एक निजी दवा दुकान संचालक शिवजी शाह के पास ले गया। शिवजी शाह वर्षों से गांव में दवा दुकान चला रहा था और खुद को डॉक्टर की तरह प्रस्तुत कर मरीजों का इलाज करता था। इलाज के नाम पर उसने बिना किसी जांच या चिकित्सकीय परामर्श के महिला को तीन इंजेक्शन लगा दिए।
इलाज के बाद बिगड़ी तबीयत
इंजेक्शन लगने के कुछ ही समय बाद अनीता देवी की तबीयत अचानक बिगड़ने लगी। उन्हें बेचैनी, घबराहट और कमजोरी महसूस होने लगी। परिवार वाले कुछ समझ पाते, उससे पहले ही उनकी हालत गंभीर हो गई। स्थानीय लोगों की मदद लेने का प्रयास किया गया, लेकिन समय रहते कोई उचित चिकित्सा सुविधा उपलब्ध नहीं हो सकी। देखते ही देखते अनीता देवी की मौत हो गई। एक मामूली चोट का इलाज जानलेवा साबित हो गया।
परिजनों के आरोप और दर्द
मृतका के पति लक्ष्मण शाह और भाई संतोष साह ने झोलाछाप डॉक्टर पर गंभीर लापरवाही का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि शिवजी शाह कोई प्रशिक्षित डॉक्टर नहीं है, इसके बावजूद वर्षों से लोगों का इलाज कर रहा था। बिना जांच के इंजेक्शन लगाना सीधे तौर पर जान के साथ खिलवाड़ है। परिजनों ने यह भी आरोप लगाया कि इस दवा दुकान पर पहले भी इलाज के दौरान लोगों की हालत बिगड़ने की घटनाएं हो चुकी हैं, लेकिन किसी ने कभी गंभीरता से शिकायत नहीं की।
घटना के बाद आरोपी फरार
महिला की मौत के बाद गांव में तनाव का माहौल बन गया। लोगों में आक्रोश फैल गया और आरोपी शिवजी शाह घटना के तुरंत बाद फरार हो गया। पुलिस को सूचना मिलने पर मौके पर पहुंची और शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया। पोस्टमार्टम की प्रक्रिया पूरी होने के बाद शव परिजनों को सौंप दिया गया। पुलिस ने बताया है कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद आगे की कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
गरीबी और मजबूरी का सच
अनीता देवी का परिवार बेहद गरीब है। उनके तीन छोटे-छोटे बच्चे हैं, जिनका भविष्य अब अंधेरे में नजर आ रहा है। पति लक्ष्मण शाह दिहाड़ी मजदूरी कर परिवार का पालन-पोषण करते हैं। सरकारी या निजी अस्पताल तक पहुंचने के लिए पैसे और साधनों की कमी के कारण ग्रामीण अक्सर ऐसे झोलाछाप डॉक्टरों पर निर्भर हो जाते हैं। यह घटना बताती है कि गरीबी और मजबूरी किस तरह लोगों को जोखिम भरे फैसले लेने पर मजबूर करती है।
झोलाछाप डॉक्टरों की समस्या
ग्रामीण इलाकों में झोलाछाप डॉक्टरों का जाल लंबे समय से फैला हुआ है। ये लोग बिना किसी मेडिकल डिग्री के इलाज करते हैं और खुद को अनुभवी डॉक्टर बताकर लोगों का भरोसा जीत लेते हैं। प्रशासन की ढिलाई और नियमित जांच के अभाव में ऐसे लोग बेखौफ होकर काम करते रहते हैं। नतीजा यह होता है कि छोटी-छोटी बीमारियां और चोटें भी जानलेवा बन जाती हैं।
प्रशासन और सरकार से मांग
मृतका के परिजनों और ग्रामीणों ने सरकार से आर्थिक सहायता की मांग की है। साथ ही दोषियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की अपील की गई है। लोगों का कहना है कि अगर समय रहते ऐसे झोलाछाप डॉक्टरों पर कार्रवाई होती, तो आज एक महिला की जान बचाई जा सकती थी। यह जरूरी है कि प्रशासन इस घटना को उदाहरण बनाकर पूरे जिले में अवैध रूप से चल रहे क्लीनिकों और दवा दुकानों की जांच करे। दरभंगा की यह घटना केवल एक महिला की मौत की खबर नहीं है, बल्कि यह हमारे स्वास्थ्य तंत्र की गंभीर खामियों को उजागर करती है। जब तक ग्रामीण क्षेत्रों में सुलभ, सस्ती और भरोसेमंद चिकित्सा व्यवस्था नहीं पहुंचेगी, तब तक लोग झोलाछाप डॉक्टरों के जाल में फंसते रहेंगे। जरूरत है सख्त निगरानी, जागरूकता और त्वरित कार्रवाई की, ताकि भविष्य में किसी और परिवार को ऐसा दर्द न सहना पड़े।

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