अररिया में पति से फोन पर विवाद के बाद महिला ने खाया कीटनाशक, अस्पताल में भर्ती
अररिया। जिले के पैकटोला दोरीया गांव में रविवार की रात उस समय हड़कंप मच गया जब एक महिला ने गुस्से में आकर कीटनाशक खा लिया। महिला की पहचान 30 वर्षीय उर्मिला देवी के रूप में हुई है, जो दो बच्चों की मां हैं। परिजनों और स्थानीय लोगों की तत्परता के चलते उन्हें तुरंत अररिया सदर अस्पताल ले जाया गया, जहां चिकित्सकों ने इलाज शुरू कर उनकी जान बचा ली। फिलहाल उनकी हालत स्थिर बताई जा रही है। घटना के बारे में परिजनों ने बताया कि उर्मिला देवी के पति धर्मेंद्र सरवरिया इस समय हिमाचल प्रदेश में रहकर मजदूरी करते हैं। रविवार की शाम उर्मिला और धर्मेंद्र के बीच फोन पर बातचीत हुई। इसी दौरान किसी पारिवारिक विषय को लेकर दोनों के बीच कहासुनी हो गई। बताया जाता है कि बहस इतनी बढ़ गई कि उर्मिला ने आक्रोश और क्षणिक आवेश में आकर घर में रखा कीटनाशक पी लिया। कीटनाशक खाने के बाद उर्मिला की तबीयत अचानक बिगड़ने लगी। जब परिजनों को घटना की जानकारी हुई तो उन्होंने शोर मचाया और पड़ोसी भी एकत्रित हो गए। आनन-फानन में ग्रामीणों और परिवारजनों ने महिला को अस्पताल ले जाने की व्यवस्था की। करीब रात 9 बजे उसे अररिया सदर अस्पताल लाया गया। चिकित्सकों ने स्थिति की गंभीरता को देखते हुए तुरंत आपातकालीन उपचार शुरू किया। डॉक्टरों का कहना है कि समय रहते अस्पताल पहुंचा दिए जाने के कारण महिला की जान बच गई। घटना की जानकारी मिलने पर अस्पताल प्रबंधन ने विधि-व्यवस्था की दृष्टि से थाने को भी सूचना दी। ओडी स्लिप के माध्यम से पुलिस को पूरे मामले से अवगत कराया गया है। हालांकि अब तक परिजनों की ओर से किसी प्रकार की लिखित शिकायत दर्ज नहीं कराई गई है। पुलिस मामले पर नजर रखे हुए है।गांव में महिला द्वारा उठाए गए इस कदम से लोगों में सनसनी फैल गई। पड़ोसियों का कहना है कि उर्मिला शांत स्वभाव की महिला हैं और घर-परिवार को संभालने में लगी रहती हैं। ऐसे में उनका अचानक इतना बड़ा कदम उठा लेना चौंकाने वाला है। गांव के लोग उनके शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की प्रार्थना कर रहे हैं। यह घटना एक बार फिर पारिवारिक तनाव और संवादहीनता के खतरनाक परिणामों की ओर इशारा करती है। विशेषज्ञों का मानना है कि पति-पत्नी के बीच छोटी-छोटी बातों पर तनाव कई बार गंभीर रूप ले लेता है, जिसका असर पूरे परिवार पर पड़ता है। खासकर ऐसे परिवारों में, जहां पति रोज़गार के सिलसिले में बाहर रहते हैं और पत्नी अकेले घर-परिवार की जिम्मेदारी निभाती है, मानसिक दबाव अधिक होता है। डॉक्टरों ने बताया कि उर्मिला देवी की हालत अब स्थिर है। लगातार इलाज जारी है और उन्हें डॉक्टरों की निगरानी में रखा गया है। परिजनों को फिलहाल चिंता की कोई बात नहीं बताई गई है। अररिया की यह घटना केवल एक पारिवारिक विवाद का परिणाम नहीं है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि गुस्से और क्षणिक भावनाओं में आकर लिए गए निर्णय कितने खतरनाक हो सकते हैं। समय रहते चिकित्सा सुविधा मिलने से उर्मिला की जान तो बच गई, लेकिन यह घटना समाज को यह संदेश देती है कि पारिवारिक समस्याओं का समाधान बातचीत और धैर्य से ही संभव है, न कि आत्मघाती कदम उठाकर।


