विधानसभा में सीएम ने मंत्री से पूछा, ये क्या है, जरा ठीक से जवाब दीजिए, कब तक होगा

पटना। बिहार विधानसभा में बुधवार को प्रश्नकाल के दौरान एक दिलचस्प घटना देखने को मिली, जब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अपने ही मंत्री के जवाब से असंतुष्ट नजर आए। भाजपा विधायक रश्मि वर्मा ने अपने क्षेत्र में पुल निर्माण से संबंधित एक प्रश्न उठाया, जिस पर मंत्री अशोक चौधरी ने जवाब दिया कि यह निर्माण अगले वित्तीय वर्ष में पूरा हो जाएगा।
सीएम ने जताई नाराजगी
मंत्री अशोक चौधरी का जवाब सुनते ही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार असंतुष्ट दिखे। उन्होंने तुरंत अपनी सीट से पीछे मुड़कर मंत्री चौधरी से सवाल किया। संभवतः मुख्यमंत्री को यह जवाब उचित नहीं लगा क्योंकि निर्माण कार्य से संबंधित मुद्दे पर सटीक और स्पष्ट समय-सीमा नहीं दी गई थी। मुख्यमंत्री ने मंत्री को स्पष्ट निर्देश देते हुए कहा जो सदस्य ने सवाल पूछा है, उसके बारे में विस्तार से बताइए कि आखिर यह काम कब तक पूरा होगा? हम तो चाहते हैं कि विकास कार्य तेजी से पूरे हों और राज्य में अधिक से अधिक काम होते रहें।
सदन में छाई हंसी-मजाक की माहौल
मुख्यमंत्री और मंत्री के बीच यह संवाद सुनकर सदन के कई सदस्य मुस्कुराने लगे और वहां हंसी-मजाक का माहौल बन गया। इसके बाद, बेगूसराय विधायक कुंदन कुमार ने सदन में एक महत्वपूर्ण सवाल उठाया। उन्होंने पूछा कि बरौनी और अन्य प्रखंडों में कृषि योग्य भूमि पर जल-जमाव की समस्या बनी रहती है, जिससे किसानों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। इस पर जल संसाधन मंत्री विजय चौधरी ने जवाब दिया कि, बाढ़ के पानी से खेत की उत्पादकता बढ़ती है। उनका यह जवाब सुनकर सदन में बैठे कई विधायक हंसने लगे इस जवाब से ऐसा लगा कि मंत्री ने जल-जमाव की समस्या को हल करने की बजाय इसे सकारात्मक रूप में प्रस्तुत करने की कोशिश की।
लेफ्ट विधायक का दिलचस्प बयान
सदन की कार्यवाही शुरू होने पर वाम दल के विधायक सत्यदेव राम ने मजाकिया लहजे में कहा, मुझे पूरा बिहार घूमना है। इस पर विधानसभा अध्यक्ष नंद किशोर यादव ने हंसते हुए जवाब दिया, आप सीवान छोड़कर कहां जाएंगे? पहले पटना सिटी आइए! इस टिप्पणी को सुनकर सदन में मौजूद सदस्य ठिठोली करने लगे और माहौल हल्का हो गया।
विधानसभा की कार्यवाही बनी चर्चा का विषय
बिहार विधानसभा के इस सत्र में जहां मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने विकास कार्यों को तेजी से पूरा करने की जरूरत पर जोर दिया वहीं कई मुद्दों पर विधायकों के बीच हल्के-फुल्के मजाक ने सदन की कार्यवाही को रोचक बना दिया। यह पूरी घटना दर्शाती है कि मुख्यमंत्री अपने मंत्रियों से कार्यों की स्पष्ट और ठोस जानकारी चाहते हैं, ताकि विकास योजनाओं में कोई देरी न हो।
