दुर्गा पूजा को इस बार खराब करेगी मौसम, पटना समेत कई जिलों में त्यौहार में होगी हल्की बारिश
पटना। बिहार में इस बार दुर्गा पूजा के त्योहार के दौरान मौसम की भूमिका कुछ चुनौतीपूर्ण साबित हो सकती है। पटना समेत राज्य के कई जिलों में इस त्योहारी मौसम में बारिश होने की संभावना जताई जा रही है। इस साल दुर्गा पूजा पर भारी बारिश भले ही न हो, लेकिन हल्की बारिश का अनुमान है, जो त्योहार के आनंद में कुछ कमी ला सकती है। मौसम विभाग ने पटना सहित विभिन्न जिलों में हल्की से मध्यम बारिश की चेतावनी दी है, जिससे पूजा के दौरान लोगों की तैयारियों और उत्सव की धूमधाम पर असर पड़ सकता है।
दुर्गा पूजा का महत्व और मौसम का प्रभाव
दुर्गा पूजा हिंदू धर्म के प्रमुख त्योहारों में से एक है और इसे पूरे देश में धूमधाम से मनाया जाता है। खासकर बिहार और बंगाल में इस त्योहार का विशेष महत्व है। लोग माँ दुर्गा की पूजा-अर्चना करते हैं और बड़े-बड़े पंडालों में जाकर देवी की प्रतिमा का दर्शन करते हैं। पटना और अन्य प्रमुख शहरों में दुर्गा पूजा के अवसर पर विभिन्न स्थानों पर भव्य पंडाल बनाए जाते हैं। इस बीच प्रदेश के कई इलाकों में बारिश की संभावना बन रही है। शारदीय नवरात्र के पहले दिन 3 अक्टूबर को राज्य के पूर्वी भाग में कई स्थानों पर वर्षा होने के संकेत हैं। हालांकि इसके बाद के लिए कोई चेतावनी नहीं है लेकिन मौसम विभाग के ग्राफ के अनुसार पटना सहित कई जिलों में मानसून की गतिविधि देखने को मिल सकती है। दुर्गा पूजा के बीच हल्की बूंदाबांदी के आसार हैं। हालांकि, इस साल मौसम विभाग ने त्योहार के दौरान हल्की बारिश की संभावना व्यक्त की है, जिससे दुर्गा पूजा के दौरान होने वाली विभिन्न गतिविधियों पर असर पड़ सकता है। पंडालों में दर्शन करने, सांस्कृतिक कार्यक्रमों में भाग लेने, और सड़कों पर घूमने जैसी गतिविधियों में बारिश का प्रभाव पड़ सकता है। बारिश के कारण लोगों को खुले में घूमने और पंडालों में दर्शन करने में परेशानी हो सकती है। साथ ही, पंडाल आयोजकों को भी अपने आयोजनों में विशेष सावधानी बरतनी पड़ सकती है, ताकि श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की असुविधा न हो।
मौसम विभाग की भविष्यवाणी
मौसम विभाग ने जानकारी दी है कि पटना समेत राज्य के कई जिलों में हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है। यह बारिश मुख्यतः पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव से हो सकती है, जो उत्तर भारत के कुछ हिस्सों को प्रभावित कर रही है। इस पश्चिमी विक्षोभ के कारण नमी की मात्रा में बढ़ोतरी हुई है, जिससे बारिश होने की संभावना बन रही है। मौसम विभाग का यह भी कहना है कि कुछ इलाकों में तेज हवाएं भी चल सकती हैं, जिससे लोगों को अतिरिक्त सावधानी बरतनी होगी। पटना मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार बिहार के उत्तर-पश्चिम इलाके और उत्तर-मध्य इलाकों के कुछ जिलों में हल्की या मध्यम स्तर की वर्षा का पूर्वानुमान है। इन जिलों में पूर्वी चंपारण, पश्चिम चंपारण, गोपालगंज, सीतामढ़ी, शिवहर, मधुबनी और दरभंगा शामिल हैं। इन जिलों में एक-दो स्थानों पर बिजली चमकने और मेघ गर्जन के साथ वज्रपात की भी संभावना है। कहीं-कहीं बादल भी छाए रहेंगे। यह बारिश मुख्यतः शाम के समय हो सकती है, जब लोग पंडालों में दर्शन करने जाते हैं। ऐसे में लोगों को बारिश से बचने के लिए छाता और रेनकोट जैसी आवश्यक चीजें साथ में ले जाने की सलाह दी गई है।
पंडाल आयोजकों के लिए चुनौती
दुर्गा पूजा के दौरान हर साल बड़ी संख्या में पंडाल बनाए जाते हैं, जिनमें लाखों श्रद्धालु दर्शन करने के लिए आते हैं। पटना और अन्य प्रमुख शहरों में भव्य पंडाल और आकर्षक सजावट इस त्योहार की खासियत है। लेकिन इस साल मौसम विभाग की चेतावनी ने पंडाल आयोजकों के लिए भी एक चुनौती खड़ी कर दी है। पंडालों में भीड़भाड़ और बारिश के कारण सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए आयोजकों को विशेष इंतजाम करने होंगे। पंडालों में जल निकासी की उचित व्यवस्था करनी होगी, ताकि बारिश के दौरान पानी का जमाव न हो और श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की परेशानी का सामना न करना पड़े। साथ ही, आयोजकों को बिजली की तारों और लाइटिंग की व्यवस्था को भी सुरक्षित बनाने की जरूरत है, ताकि बारिश के दौरान किसी प्रकार की दुर्घटना न हो। आयोजकों को यह सुनिश्चित करना होगा कि पंडालों में आने वाले लोगों को किसी भी प्रकार की असुविधा का सामना न करना पड़े और उन्हें माँ दुर्गा के दर्शन में कोई बाधा न हो।
लोगों के लिए सावधानियां
बारिश के पूर्वानुमान को देखते हुए लोगों को भी अपनी तरफ से कुछ सावधानियां बरतनी होंगी। दुर्गा पूजा के दौरान अधिकतर लोग परिवार के साथ पंडालों में जाते हैं, ऐसे में उन्हें अपने साथ छाता या रेनकोट ले जाना चाहिए। साथ ही, बारिश की वजह से फिसलन भरी सड़कों पर सावधानी से चलना आवश्यक होगा, ताकि किसी प्रकार की दुर्घटना न हो। पंडाल में प्रवेश करते समय फिसलन से बचने के लिए खास ध्यान देने की जरूरत है। इसके अलावा, बारिश के दौरान बिजली के उपकरणों से दूरी बनाए रखना भी महत्वपूर्ण है। पंडालों में लाइटिंग और बिजली के तारों की व्यवस्था होती है, और बारिश के कारण गीले स्थानों पर बिजली का करंट लगने का खतरा भी बढ़ जाता है। इसलिए, लोगों को इस बात का विशेष ध्यान रखना चाहिए कि वे बिजली से संबंधित किसी भी उपकरण के पास न जाएं और बच्चों को भी सुरक्षित रखें। मौसम चाहे जैसा भी हो, दुर्गा पूजा का त्योहार अपने आप में एक उमंग और उत्साह का प्रतीक है। श्रद्धालु अपनी भक्ति और आस्था के साथ माँ दुर्गा की पूजा-अर्चना करते हैं और उनके आशीर्वाद की कामना करते हैं। ऐसे में बारिश को लेकर मन में किसी प्रकार की निराशा न रखें और पूरी तैयारी के साथ इस उत्सव में शामिल हों।