जमीन के लिए JDU और RJD के बीच छिड़ा राजनीतिक युद्ध : अब जगदानंद सिंह ने CM नीतीश की राजनीतिक सुचिता को कटघरे में लाया

पटना। बिहार में पार्टी कार्यालय के जमीन के सवाल पर राजद और जदयू के बीच जबरदस्त राजनीतिक युद्ध छिड़ गया है। सीएम नीतीश के बयान के बाद अब मामला सीएम नीतीश कुमार की राजनीतिक सुचिता, नीतीश कुमार के आवास और नीतीश कुमार की पार्टी जदयू कार्यालय के विस्तार से भी जुड़ गया है। शनिवार को जगदानंद सिंह ने पार्टी कार्यालय में प्रेस कांफ्रेस कर उठाया। जगदानंद सिंह ने इसे नीतीश सरकार की दोहरी नीति करार दिया। प्रेस कांफ्रेस में पूर्व विधानसभा अध्यक्ष उदय नारायण चौधरी, प्रवक्ता चित्तरंजन गगन, शक्ति यादव आदि कई मौजूद थे। बता दें बीते शुक्रवार को राजद कार्यालय परिसर के लिये कम जगह दिये जाने के संबंध में पत्रकारों द्वारा पूछे गये सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा था कि सभी पार्टी को कार्यालय मिला हुआ है। कौन क्या बोलता है, वही जाने। सभी पार्टियों के लिये वर्ष 2006 के बाद से व्यवस्था की गई है। उन्होंने कहा कि जो सवाल कर रहे हैं उन्होंने कभी रिकोग्नाइज पार्टियों को जगह नहीं दिया है, हमलोगों ने ही पार्टियों के कार्यालय के लिए जगह दिया है।
वे साफ-साफ बात करें, समान न्याय करें
वहीं आज जगदानंद सिंह पूरे रौ में दिखे। कहा कि राजद कार्यालय के बगल में जमीन लंबे समय से खाली है पर राजद ने न तीन फीट की दीवार तोड़ी और न छोटा सा ताला। उन्होंने सवालिया लहजे में पूछा कि जदयू बताए कि जब उसे कार्यालय के लिए जमीन एलॉट की गई थी तब बिल्ड अप एरिया कितना था और अभी कितना है? कहा कि नीतीश कुमार में संवेदना बची हो, न्याय थोड़ा-सा बचा हो तो वे साफ-साफ बात करें। समान न्याय करें।
तब वे इतने झल्लाए हुए क्यों थे?
जगदानंद ने कहा कि शुक्रवार को नीतीश कुमार जब इस पर बयान दे रहे थे तब वे इतने झल्लाए हुए क्यों थे? उनके चेहरे से पता चलता है कि जब आदमी झूठ बोलता है तो चेहरे पर तनाव आ जाता है। कहा कि राजद ने बगल वाली जो जमीन मांगी है उसे हाईकोर्ट पुल की जमीन बतायी जा रही है लेकिन एक पुल से दूसरे पुल में जमीन के आने-जाने की परंपरा रही है। इसलिए ये बहाना नहीं चलेगा कि वह जमीन दूसरे पुल की है।
आवश्यकता के आधार पर नीतीश कुमार का निर्णय नहीं होता
प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने आगे कहा कि सरकार के हाथ लंबे हैं। जब जदयू को अपनी सुविधा के लिए इतनी जमीन कार्यालय में चाहिए तो हमें भी तो लोगों की सेवा के लिए राजनीतिक पार्टी चलानी पड़ रही है। यह समझ लेना चाहिए कि विपक्ष भी सरकार का ही हिस्सा होता है। उन्होंने कहा कि आवश्यकता के आधार पर नीतीश कुमार का निर्णय होता ही नहीं है। बिना आवश्यकता के एक से एक भवन बनते जा रहे हैं। चमत्कारिक कार्य दिखाने के लिए नीतीश कुमार ने म्यूजियम भवन आदि बनवाया। लोग कहते हैं कि बड़े-बड़े काम भवनों के होंगे, तभी तो कमीशनखोरी होगी। लेकिन ये भवन भी दरक रहे हैं, टूट कर गिर रहे हैं। एक अफसर ने ठीक ही कहा कि मुंह खोल देंगे तो तूफान आ जाएगा।
आवासीय फ्लैट तोड़कर विस्तार किया गया जदयू कार्यालय का
जगदानंद सिंह ने कहा कि न्याय के आधार पर कार्यालय के लिए जमीन बराबर आवंटित होना चाहिए। लेकिन राजद को बगल वाली जमीन मांगने पर भी नहीं दी जा रही और जदयू कार्यालय के विस्तार के लिए काफी जमीन दे दी गई। विधायकों के 24 आवासीय फ्लैट बने हुए थे। सभी फ्लैटों को केवल तोड़कर ही विस्तार की अनुमति नहीं दी गई बल्कि उस पर करोड़ रुपए से ज्यादा खर्च कर शानदार सभा कक्ष भी बना दिया गया। साथ ही उत्तर की तरफ सार्वजनिक सड़क को भी परिसर की घेराबंदी कर मिलर स्कूल तक विस्तारित ही नहीं किया गया बल्कि दो मंजिला भवन का निर्माण सार्वजनिक धन से किया जा रहा है।
किस पार्टी कार्यालय को कितनी जमीन मिली हुई है
जेडीयू- 66000 वर्ग फीट
भाजपा- 52000 वर्ग फीट
राजद- 19842 वर्ग फीट

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