विजय सिन्हा ने राहुल गांधी को बताया खलनायक, कहा- वे मूर्ख, उनको मांगनी चाहिए जनता से माफी
पटना। बिहार की राजनीति में चुनावी माहौल बनने के साथ ही नेताओं के बीच बयानबाज़ी तेज़ होती जा रही है। हाल ही में राज्य के उपमुख्यमंत्री विजय सिन्हा ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर सीधा हमला बोला। उन्होंने उन्हें न केवल राजनीतिक विरोधी बताया, बल्कि “राजनीतिक खलनायक” की संज्ञा भी दी। विजय सिन्हा का आरोप है कि राहुल गांधी बार-बार देश और लोकतंत्र की मूल संस्थाओं पर सवाल उठाकर जनता को गुमराह करते हैं। विजय सिन्हा का कहना था कि राहुल गांधी और उनकी पार्टी जनता की समस्याओं से कटे हुए हैं। उन्होंने व्यंग्य करते हुए कहा कि “सोने की चम्मच लेकर पैदा हुए लोग आम जनता के दुख-दर्द को कैसे समझ सकते हैं?” उनके अनुसार, कांग्रेस और उसके सहयोगी दल केवल चुनाव के समय नौटंकी करके यह जताने की कोशिश करते हैं कि संविधान और लोकतंत्र खतरे में है, जबकि असलियत में वे खुद संवैधानिक संस्थाओं को कमजोर करने का प्रयास करते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि राहुल गांधी और तेजस्वी यादव राजनीति को खानदानी जागीर समझ बैठे हैं। मानो सत्ता कोई धरोहर हो और जनता उनकी बंधुआ मज़दूर। सिन्हा ने आरोप लगाया कि ये नेता वोट बैंक की राजनीति के लिए यहां तक षड्यंत्र करते हैं कि परदेसियों को भी वोटर सूची में शामिल कराया जाए। लखीसराय की हाल की घटना का जिक्र करते हुए विजय सिन्हा ने कहा कि राहुल गांधी की यात्रा के बहाने बिहार में एक बार फिर “जंगलराज” का माहौल बनाने की कोशिश की गई। सरकारी कर्मचारियों से दुर्व्यवहार और गुंडागर्दी को उन्होंने “जंगलराज की पाठशाला” कहा। उनका दावा है कि जनता यह भूल चुकी है कि अब बिहार में लालू-राज नहीं, बल्कि नीतीश कुमार और नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सुशासन की सरकार है। सिन्हा ने राहुल गांधी को “देश के लिए अभिशाप” तक कह दिया। उनका कहना था कि यदि संवैधानिक संस्थाओं का अपमान रोका नहीं गया, तो लोकतांत्रिक मूल्यों पर गंभीर संकट खड़ा हो जाएगा। उन्होंने मांग की कि ऐसे नेताओं पर कार्रवाई होनी चाहिए ताकि वे मनमानी बयानबाज़ी और अराजक राजनीति से बाज़ आएं। इसके साथ ही विजय सिन्हा ने विकास की उपलब्धियों को भी गिनाया। उन्होंने घोषणा की कि 22 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सिमरिया गंगा नदी पर बने सिक्स लेन पुल का उद्घाटन करेंगे। इसे उन्होंने “विकास की गंगा” बहाने का प्रतीक बताया और कहा कि आज का बिहार गुंडाराज से निकलकर विकासराज की ओर अग्रसर है। कुल मिलाकर, विजय सिन्हा के भाषण ने यह स्पष्ट कर दिया कि आने वाले चुनाव में केवल विकास और नीतियों पर नहीं, बल्कि शब्दों की तीखी जंग पर भी जनता की निगाहें रहेंगी। बिहार की राजनीति में आरोप-प्रत्यारोप का यह सिलसिला एक बार फिर गर्मा गया है, जहां नेता एक-दूसरे को कठघरे में खड़ा कर जनता का ध्यान अपनी ओर खींचने की कोशिश कर रहे हैं।


