खगड़िया में मद्य निषेध विभाग के डीएसपी के आवास पर निगरानी विभाग की छापेमारी, टीम तैनात, कई दस्तावेज जब्त

खगड़िया। बिहार में भ्रष्टाचार के खिलाफ चल रहे अभियान के तहत खगड़िया जिले में गुरुवार को एक बड़ी प्रशासनिक कार्रवाई हुई। मद्य निषेध विभाग के डीएसपी अभय कुमार यादव के आवास पर निगरानी विभाग की टीम ने अचानक छापेमारी कर दी। इस कार्रवाई ने स्थानीय प्रशासन और आम जनता के बीच हलचल मचा दी है।
सुबह-सुबह शुरू हुई छापेमारी
गुरुवार की सुबह निगरानी विभाग की टीम खगड़िया के चित्रगुप्त नगर स्थित कृष्णा नगर पहुंची और डीएसपी अभय कुमार यादव के आवास को चारों ओर से घेर लिया। इसके बाद टीम ने घर में घुसकर तलाशी अभियान शुरू किया। बताया जा रहा है कि यह कार्रवाई बिना किसी पूर्व सूचना के की गई, जिससे परिवार के सदस्य और आस-पड़ोस के लोग हैरान रह गए।
घर से बाहर आने-जाने पर रोक
कार्रवाई की गंभीरता को देखते हुए निगरानी विभाग ने आवास की घेराबंदी कर दी। किसी भी व्यक्ति को न तो घर से बाहर निकलने की अनुमति दी गई और न ही अंदर प्रवेश करने दिया गया। यह छापेमारी लगभग दो घंटे से अधिक समय तक जारी रही और पूरे मोहल्ले में चर्चा का विषय बन गई।
कई आपत्तिजनक दस्तावेजों की बरामदगी
सूत्रों के अनुसार, डीएसपी के आवास से निगरानी टीम को कई आपत्तिजनक दस्तावेज हाथ लगे हैं। हालांकि अब तक दस्तावेजों की प्रकृति या उनके संबंध में कोई आधिकारिक जानकारी नहीं दी गई है, लेकिन माना जा रहा है कि ये दस्तावेज आय से अधिक संपत्ति या पद के दुरुपयोग से जुड़े हो सकते हैं। टीम फिलहाल इन दस्तावेजों की जांच कर रही है।
निगरानी विभाग की चुप्पी, जल्द होगी आधिकारिक जानकारी साझा
अब तक निगरानी विभाग की ओर से कोई विस्तृत प्रेस नोट जारी नहीं किया गया है, लेकिन अधिकारियों का कहना है कि जांच पूरी होने के बाद सभी जानकारियां सार्वजनिक की जाएंगी। चूंकि यह मामला एक उच्च पदस्थ पुलिस अधिकारी से जुड़ा है, इसलिए विभाग पूरी सतर्कता से काम कर रहा है।
डीएसपी अभय कुमार का अब तक का कार्यकाल
अभय कुमार यादव बिहार पुलिस सेवा के 1994 बैच के अधिकारी हैं। उन्होंने अपने करियर की शुरुआत दारोगा के रूप में की थी। बताया जाता है कि जब वे मुंगेर जिले के कजरा थाना में तैनात थे, तब एक बार नक्सलियों ने उनका अपहरण कर लिया था। काफी प्रयासों के बाद उन्हें छुड़ाया जा सका था। वर्तमान में वे पटना में मद्य निषेध विभाग में डीएसपी के पद पर कार्यरत हैं।
स्थानीय पुलिस की सक्रियता
छापेमारी के दौरान स्थानीय पुलिस को भी निगरानी टीम का सहयोग करते हुए देखा गया। चित्रगुप्त नगर क्षेत्र में भारी संख्या में पुलिस बल की तैनाती की गई, जिससे किसी भी प्रकार की अप्रिय स्थिति न हो। स्थानीय लोगों को आवागमन में असुविधा हुई, लेकिन प्रशासन ने सुरक्षा कारणों का हवाला देकर किसी को भी निकट जाने से रोका।
कार्रवाई के पीछे की संभावित वजहें
हालांकि अब तक छापेमारी के कारणों की स्पष्ट जानकारी नहीं दी गई है, लेकिन सूत्रों का मानना है कि यह कार्रवाई आय से अधिक संपत्ति या पद का दुरुपयोग करने के शक के आधार पर की गई है। डीएसपी की तैनाती मद्य निषेध विभाग में रही है, जो शराबबंदी लागू कराने के लिए जिम्मेदार है। ऐसे में उनकी भूमिका पर सवाल उठना सामान्य प्रक्रिया माना जा रहा है। खगड़िया में हुई इस छापेमारी ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि निगरानी विभाग बिहार में भ्रष्टाचार के मामलों पर सख्त रवैया अपनाए हुए है। डीएसपी जैसे वरिष्ठ अधिकारी के खिलाफ इस तरह की कार्रवाई प्रशासन की गंभीरता को दर्शाती है। अब निगाहें निगरानी विभाग की आगे की रिपोर्ट पर टिकी हैं, जो इस कार्रवाई की पूरी तस्वीर सामने लाएगी।
