साईं का भंडारा सुखदायक, ज्ञानयज्ञ का समापन

पटना सिटी (आनंद केसरी)। पितृ मुक्ति श्री साईं कथा ज्ञानयज्ञ के अंतिम दिन व्यासगद्दी पर विराजमान मुख्य कथा वाचक त्रिभुवन साईं महाराज ने ज्ञान यज्ञ में कहा कि बाबा कहते हैं कि जिनका पुण्य प्रबल है वे स्वर्ग में निवास करते हैं और अपने सतकृतियों का फल भोगते हैं। पुण्य के क्षरण होते ही वे फिर से निम्न स्तर में आ जाते हैं। वे प्राणी जिन्होंने पाप या दुष्कर्म किए हैं, वह सीधे नरक में जा अपने कुकर्मों का फल भोगते हैं। जब उनके पाप और पुण्य का समन्वय हो जाता है और जब पाप और पुण्य नष्ट हो जाते हैं तो वह मुक्त हो जाते हैं। बाबा का सबसे प्रिय कार्य सब लोगों को भोजन कराना था। बाबा बड़े चाव से लोगों को भोजन कराते थे और आज भी बाबा के भक्त विश्व में उनके इस कार्य को करने में आनंद का अनुभव करते हैं। इसी आनंद को आगे बढ़ाते हुए मुख्य जजमान सर्व समाज उत्थान संस्था के संरक्षक रंजीत प्रभाकर सपत्नी आरती प्रभाकर के द्वारा आज साईं कथा पूर्ण रूप से सफल होने पर भंडार किया गया है। गोरखपुर से आए गायक सन्नी सावरिया के शिरडी के साईं बाबा कर दो रहम, आया तेरे दर पर साईं आँखें हैं नम जैसे कई भजन पर भक्त झूमने को मजबूर किया। बाबा साईं के दरबार में राजेश बल्लभ, ललित अरोड़ा, संजय सिन्हा, ज्ञानेन्द्र कुमार ज्ञानु, प्रदीप सिंह यादव सहित सम्मानित अतिथिगण एवं संस्था के सदस्यों का स्वागत संस्था के संरक्षक रंजीत प्रभाकर द्वारा साईं गमछा और बाबा की तस्वीर देकर किया गया। मौके पर अशोक यादव, संजय दिवाकर, कीर्ति यादव, अजित यादव, ललित यादव, मो शमीम, मो रफी, राजकुमार यादव, शक्ति पासवान, कन्हाई पटेल, गोरख यादव, रामाशंकर पोद्दार, रवि आदि सक्रिय थे।

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