देश के इतिहास को बदलने की कवायद बेहद दुखद, अभी नए संसद भवन की कोई जरूरत नहीं : मुख्यमंत्री

पटना। देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू की पुण्यतिथि पर मुख्यमंत्री ने उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि दी। इस अवसर पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए भाजपा पर हमला बोला। देश में नए संसद भवन के उद्घाटन को लेकर भी मुख्यमंत्री ने काफी सारी बातें कहीं। उन्होंने कहा कि देश में फिलहाल किसी भी नए संसद भवन को बनाने की जरूरत नहीं है। कल का उद्धाटन कार्यक्रम, जो है बेकार कार्यक्रम है। उन्होंने कहा कि ये लोग इतिहास बदलने की कोशिश कर रहे हैं। वहीं नीति आयोग की बैठक में शामिल नहीं होने को लेकर उन्होंने कहा कि नीति आयोग की बैठक की जब सूचना मिली थी तो उस दिन हमारा कार्यक्रम पहले से तय था। हमने अपने प्रतिनिधि के बारे में कहा था लेकिन उन लोगों ने मना कर दिया। बता दें कि शनिवार को दिल्ली में नीति आयोग की बैठक में सीएम शामिल नहीं हो रहे हैं। बिहार सरकार की तरफ से उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव भी नीति आयोग की बैठक में शामिल नहीं होंगे। वहीं नीतीश कुमार से जब पूछा गया कि बीजेपी कह रही है कि आपने विधानसभा के एक्सटेंशन भवन का उद्घाटन किया, आपने राज्यपाल से नहीं करवाया। इसके जवाब में उन्होंने कहा कि वह विधानसभा का भवन नहीं था, जहां कार्यवाही चलती है। वो विस्तारित भवन था जो बीजेपी वाले शायद भूल गए हैं। जो केंद्र में शासन कर रहे हैं वो इतिहास को बदलना चाहते हैं। देश में संसद के नए भवन का उद्घाटन 28 मई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे। इसको लेकर राजनीति तेज है। राजद-जदयू और कांग्रेस सहित कई विपक्षी दलों ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की जगह पीएम मोदी द्वारा नई संसद के उद्घाटन पर आपत्ति जताई है। विपक्ष की आपत्ति है कि नई संसद का उद्घाटन राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को करना चाहिए ना कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को। इसको लेकर आरजेडी समेत देशभर की 19 सियासी दलों ने संयुक्त रूप से उद्घाटन समारोह का बहिष्कार करने का फैसला लिया है।

 

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