बिहार विधानसभा में वंदे मातरम का पढ़ा जाना असंवैधानिक : हजरत अमीर शरीयत
फुलवारीशरीफ (अजीत)। बिहार, ओडिशा और झारखंड के अमीर ए शरीयत हजरत मौलाना अहमद वली फैसल रहमानी ने बिहार विधानसभा के शीतकालीन सत्र के अंत में वंदे मातरम के पढ़े जाने पर कड़ी नाराजगी व्यक्त की है। हजरत अमीर शरीयत ने कहा कि वंदे मातरम का पाठ करके लोगों को इस संवैधानिक स्वतंत्रता से वंचित करने का एक प्रयास है, जबकि संविधान का अनुच्छेद 25, लोगों को स्वतंत्रता देता है। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि संविधान सभा द्वारा ही भारत के संविधान का उल्लंघन किया जा रहा है, जो एक लोकतांत्रिक देश के लिए खतरनाक है। उन्होंने कहा कि इससे गलत संदेश जाता है और राज्य की छवि धूमिल होती है। विधानसभा, जो धर्मनिरपेक्षता का एक मॉडल है, को ऐसा कुछ भी नहीं करना चाहिए, जिससे धर्मनिरपेक्षता के बुनियादी ढांचे को चोट पहुंचे।


