PATNA : अनीसाबाद के एक निजी हॉस्पिटल में मरीज की मौत के बाद परिजनों का हंगामा, डॉक्टरों पर लगाया इलाज में लापरवाही करने का आरोप

फुलवारीशरीफ, अजीत। पटना के अनीसाबाद न्यू बाईपास में स्थित निजी हॉस्पिटल निदान में कई दिनों से भर्ती 35 वर्षीय मरीज मंटू पासवान के इलाज के दौरान मौत हो हो जाने के बाद अस्पताल प्रशासन ने मृतक के शव को सौंपने के एवज में परिवार वालों से 2 लाख की डिमांड करने लगा। गरीब मजदूर मजदूरी का काम करने वाला मंटू पासवान का परिवार पहले ही अस्पताल में एक लाख से ऊपर पैसा रुपया जमा करा चुका था उसके बावजूद मंटू पासवान की मौत हो गई। मजदूर मंटू पासवान की मौत के बाद अस्पताल वालों ने ₹2 लाख की डिमांड अलग से कर दिया जिसके बाद परिजनों के सब्र का बांध टूट गया। मृतक के परिवार के लोग और गांव के सैकड़ों लोग अस्पताल पहुंच गए और अस्पताल को घेरकर जमकर हंगामा करने लगे। वहीं घटना की जानकारी मिलने पर पहुंची बेउर और गर्दनीबाग थाना पुलिस भी मामले को संभालने में जुट गए। घटना के पास वाले इलाके में रहने वाले राजद नेता दिनेश पासवान भी जानकारी मिलने पर वहां पहुंचे। फिर समझौते का दौर शुरू हुआ। पुलिस प्रशासन और स्थानीय लोगों के बीच बचाव का रास्ता निकालने के बाद अस्पताल प्रशासन ने देर रात मृतक के परिवार वालों को मंटू पासवान का शव सौंप दिया।
वही जब बुधवार की सुबह मंटू पासवान का शव लेकर परिजन नौबतपुर पहुंचे तो गांव में कोहराम मच गया। दरअसल,मजदूर मंटू पासवान की मौत गांव के दुर्गा पासवान राजेंद्र पासवान शेरू पासवान वीरू पासवान सिद्धनाथ पासवान समेत अन्य लोगों द्वारा पिटाई से हुई है उसके लेकर गांव में तनाव का माहौल बना हुआ है। जानकारी के मुताबिक नौबतपुर के बलियावन गांव का रहने वाला मजदूर मंटू पासवान को कुछ दिनों पहले उसी गांव के दुर्गा पासवान राजेंद्र पासवान शेरू पासवान वीरू पासवान सिद्धनाथ पासवान समेत अन्य लोगों ने मिलकर बेरहमी से पिटाई कर दिया था। इन लोगों ने मंटू पासवान के सर को बुरी तरह मारपीट कर कुचल दिया था। हाथ भी मंटू पासवान का टूट गया था। इतना ही नही शरीर के अन्य हिस्सों में भी गंभीर चोटे लगी थीं। घटना के बाद मंटू पासवान को परिवार वाले पटना एम्स में भर्ती कराया था। परिवार वालों ने बताया कि पटना एम्स से मंटू पासवान को डॉक्टरों ने राजबंशी नगर के हड्डी अस्पताल में रेफर कर दिया था। वहां अस्पताल में अच्छी व्यवस्था नहीं देख कर परिजन दलाल के चक्कर में पड़ गए। दलालों ने मजदूर परिवार के लोगों को अच्छा इलाज कराने का झांसा देकर अनिसाबाद बायपास रोड स्थित निदान हॉस्पिटल में लेकर मरीज को भर्ती करा दिया।
2 रुपये लाख जमा कराने के बाद डेड बॉडी सौंपने की जिद पर अड़ा रहा अस्पताल
मरीज के परिजनों का कहना है कि निदान हॉस्पिटल में इसी 9 तारीख को मंटू पासवान को भर्ती कराया गया था। निदान हॉस्पिटल के डॉक्टरों ने कहा था कि 1 लाख 30 हजार में पूरी तरह स्वस्थ कर देंगे। परिवार वालों का कहना है कि इस दौरान इलाज में 1 लाख से अधिक अस्पताल में जमा करा दिया गया उसके बावजूद भी मंटू पासवान की जान नहीं बची। मंगलवार की देर रात मंटू पासवान इलाज के दौरान इस दुनिया से चल बसे। इसके बाद अस्पताल वालों ने मरीज के परिजनों पर 2 लाख खर्च होने का हवाला देकर जमा कराने का दवाब देने लगे। काफी आरजू मिलने के बावजूद भी गरीब परिवार को मंटू पासवान का शव अस्पताल वालों ने देने से इनकार कर दिया। इसके बाद मृतक के जमा परिवार वाले और गांव से आये बड़ी संख्या में महिला और पुरुषों ने अस्पताल में जमकर हंगामा किया। मंगलवार की देर रात अस्पताल प्रशासन डेड बॉडी को मृतक के परिवार वालों के हवाले करने की प्रक्रिया शुरू की गई। इस बारे में बेउर थानाध्यक्ष अतुल कुमार सिंह ने बताया कि मामले की जानकारी मिलने पर पुलिस टीम को अस्पताल में भेजा गया है।
वही मंटू पासवान की मौत के बाद उसकी पत्नी रिंकू देवी एक बेटा और एक बेटी समेत परिवार वालों का रो रो कर बुरा हाल होने लगा। अस्पताल के बाहर ही बड़ी संख्या में परिजन और मरीज के गांव के लोग विलाप करने लगे, जिसके माहौल गमगीन हो गया। परिवार वालों ने कहा कि नौबतपुर थाना में इस मामले में दुर्गा पासवान राजेंद्र पासवान शेरू पासवान वीरू पासवान सिद्धनाथ पासवान समेत अन्य को नामजद कराते हुए मामला दर्ज कराया गया है। उसके बावजूद नौबतपुर पुलिस प्रशासन लापरवाह बना हुआ है। परिवार वालों का कहना है कि मंटू पासवान के साथ मारपीट करने वालों ने बुरी तरीके से उसके साथ मारपीट किया था जिसकी आज उस इलाज के दौरान मौत हो गई। उसके बावजूद पुलिस प्रशासन इस मामले में कार्रवाई नहीं कर रहा है।

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