पटना विश्वविद्यालय के दूर शिक्षा निदेशालय को मान्यता नही देने पर कोर्ट जाएगा विश्वविद्यालय प्रशासन, जानिए पूरा मामला

पटना, बिहार। पटना विश्वविद्यालय के दूर शिक्षा निदेशालय में सत्र 2021-22 में नामांकन शुरू नहीं हुआ है। नामांकन शुरू होने की उम्मीद भी नहीं है क्योंकि दूरस्थ शिक्षा को मान्यता देने वाले डिस्टेंस एजुकेशन ब्यूरो ने पटना विवि के डीडीई को नए सत्र में मान्यता नहीं दी है। डिस्टेंस एजुकेशन ब्यूरो की क्राइटेरिया पर खरा नहीं उतरने के कारण पटना विवि के डीडीई में न इस साल नामांकन हो सकता है और न ही अगले तीन साल तक। लेकिन अब पटना विवि प्रशासन ने डिस्टेंस एजुकेशन ब्यूरो के मान्यता देने के क्राइटेरिया को ही चुनौती देने का निर्णय लिया है। इसके लिए पीयू प्रशासन कोर्ट में मामला ले जाने की तैयारी कर रहा है। डीडीई के डिप्टी डायरेक्टर डॉ. सलीम जावेद का कहना है कि नामांकन प्रक्रिया पर पूरी तरह रोक लगना अटपटा है। इसलिए हम पटना हाई कोर्ट में रिट दायर कर रहे हैं।

पटना विवि के डीडीई में हैं 15 कोर्स

पटना विवि के दूर शिक्षा निदेशालय में पिछले सत्र में कुल 15 पाठ्यक्रमों को डिस्टेंस एजुकेशन ब्यूरो से मान्यता मिली थी, जिसमें 13 विषयों में बीए के अलावा बीसीए और बैचलर ऑफ लाइब्रेरी एंड इन्फॉर्मेशन साइंस शामिल है। इसके अलावा पीजी डिप्लोमा स्तर की मंजूरी भी रही है, जिसमें चार पाठ्यक्रम शामिल हैं।

डिस्टेंस एजुकेशन ब्यूरो के नियम

उसी विश्वविद्यालय के दूर शिक्षा निदेशालय में नामांकन की मंजूरी दी जाएगी, जिसे नैक में कम से कम ए ग्रेड मिला हो। पहले ब्यूरो ने ए ग्रेड में भी न्यूनतम 3.26 प्वाइंट अंक मिलना भी निर्धारित किया था। लेकिन बाद में ब्यूरो ने विश्वविद्यालय को सिर्फ ए ग्रेड रहने पर भी डीडीई के लिए मान्यता देने की व्यवस्था कर दी।

पटना विवि डीडीई के हालात

पटना विश्वविद्यालय की नैक ग्रेडिंग 2019 में हुई। तब नैक ने पटना विवि बी प्लस ग्रेड दिया। यानि पटना विवि के डीडीई को फंक्शनल होने के लिए पटना विवि को दो ग्रेड और अपग्रेड होना पड़ेगा। ग्रेड अपग्रेडेशन की प्रक्रिया 2024 में ही शुरू हो सकती है क्योंकि 2019 में जारी ग्रेड पांच सालों के लिए वैलिड है। पीयू डीडीई के डिप्टी डायरेक्टर डॉ. सलीम जावेद ने बताया कि डिस्टेंस एजुकेशन को नैक की ग्रेडिंग से कनेक्ट करने की व्यवस्था अटपटी है। इस पर पुनर्विचार होना चाहिए। अगर सिलेबस और छात्र सुविधाओं में परेशानी हो तो अलग बात है। लेकिन डीडीई की मान्यता को विश्वविद्यालय की ग्रेडिंग से कनेक्ट नहीं किया जाना चाहिए। हम इसको लेकर कानूनी पक्ष देख रहे हैं।

पटना विवि प्रशासन का तर्क

पहले भी विवादों में रही है मान्यता पटना विवि का डीडीई पहले भी विवादों में रहा है। 2016 में डिस्टेंस एजुकेशन ब्यूरो की मान्यता रोक दी। इसके बाद सत्र 2016-17, 2017-18 और 2018-19 में पटना विवि के डीडीई में कोई नामांकन नहीं हुआ। पहले से इनरोल्ड विद्यार्थियों को भी पटना विवि प्रशासन ने रेगुलर मोड में शिफ्ट किया। इसके बाद पीयू प्रशासन के प्रयास से सत्र 2019-20 और 2020-21 के लिए कंडीशनल अप्रूवल मिला।

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